बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा किया। पीएम मोदी वहां एक रेल प्रोजेक्ट के उद्धाटन के लिए गए। उस दौरान मंच से भाषण दे रहे नीतीश कुमार के लिए उस वक्त असहज स्थिति पैदा हो गई, जब वहां मौजूद भीड़ ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर पहले तो मोदी ने मंच पर बैठे-बैठे ही लोगों को चुप कराने के लिए इशारे किए। लेकिन लोगों के फिर भी चुप नहीं होने की वजह पीएम मोदी उठकर मंच पर आए और लोगों को शांत कराया। उसके बाद नीतीश ने अपना भाषण पूरा किया।
Hajipur: PM Modi gets up, asks crowd to quiet down as they raise “Modi” chants while Nitish Kumar gave his speech.https://t.co/ZbQqukXP6k
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Hajipur: PM Modi gets up, asks crowd to quiet down as they raise “Modi” chants while Nitish Kumar gave his speech. pic.twitter.com/12DRxszEhl
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पीएम मोदी के बिहार जाने पर नीतीश कुमार ने उनका शुक्रिया अदा किया। कुमार ने कहा कि पीएम ने हमें समय दिया उसके लिए उनका शुक्रिया। मैं उनका स्वागत करता हूं।
I am thankful to PM Modi for giving time, I welcome him here: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/XWa5Lq04n6
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There has to be a complete modernisation of Railways: PM Narendra Modi pic.twitter.com/gHd3KyCqIp
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समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने विगत 100 वर्षों में नयी उच्च्ंचाइयों को छुआ है। मुझे उम्मीद है कि सर्वश्रेष्ठ पहलुओं को आने वाले वर्षों में आगे बढ़ाया जाएगा। यद्यपि पिछली शताब्दी में इस उच्च न्यायालय की अच्छी बातों को याद करने का यह समय है लेकिन यह आने वाली सदी के लिए ठोस आधारशिला रखने का भी यह समय है। यह नए संकल्पों के लिए भी समय है और नये मानदंडों के बारे में सोचने का भी समय है और मुझे उम्मीद है कि बार और बेंच नए मानदंड स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे और इस संस्थान को आगे ले जाएंगे। जिनके पास सदियों की विरासत है वो निश्चित तौर पर देश को आगे बढ़ाने के लिए काफी कुछ दे सकते हैं।
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सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के आगमन के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कानून के क्षेत्र में शोध करने में काफी समय खर्च करना पड़ता था जबकि अब बेहद अल्प अवधि में कोई गूगल कर सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि अब हमारे पास कुछ ऐसा है जो पहले नहीं था—प्रौद्योगिकी की ताकत। बार, बेंच और अदालतों के कामकाज में डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके हम कितना टेक्नो-सैवी बना सकते हैं और प्रौद्योगिकी का सक्रियता से इस्तेमाल करके फैसलों की गुणवत्ता और दलीलों में सुधार के काम में मदद कर सकते हैं।
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