ज्ञानवापी मस्जिद विवाद बढ़ता ही जा रहा है और सोमवार से वाराणसी कोर्ट में सुनवाई भी हुई। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत को सुनवाई 8 हफ़्तों में खत्म करने का निर्देश दिया है। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर नेताओं और धर्मगुरुओं के बयान भी आने लगे हैं। कई नेताओं और धर्मगुरुओं ने विवादित बयान दिए हैं। वहीं अब मोदी सरकार में मंत्री ने भी विवादित बयान दे डाला है।

मोदी सरकार में राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा हैं कि अल्पसंख्यक बंधु जहां जगह देखते हैं, वहीं हरा कपड़ा डाल देते हैं और फिर मस्जिद बना लेते हैं। उन्होंने कहा, “हम लोग कह नहीं पा रहे हैं लेकिन ये अल्पसंख्यक बंधु हैं, जहां जगह देखते हैं वहीं हरा कपड़ा रख देते हैं और फिर उस स्थान पर मस्जिद बन जाती है। हम लोग ऐसा कभी नहीं करते हैं।”

भानु प्रताप वर्मा ने आगे कहा, “जहां हिन्दुओं के आस्था के केंद्र हैं वहीं क्यों मस्जिद बनी है? और भी जगह है और वहां ये सब चीजें हो सकती थीं। आज ये विवाद पैदा हो रही है। जहां हमारे हिन्दू समाज के देवी देवता हैं, वहीं पर मस्जिद क्यों बनाई गई? आज सर्वसमाज इस मुद्दे को उठा रहा है और बड़ी तेजी के साथ कह रहा है कि नहीं ये हमारा मंदिर था और ये हमें मिलना चाहिए। लेकिन अब ये कोर्ट का मामला है और कोर्ट जो निर्णय करेगा, हम उसको मानेंगे।”

बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले ही कहा था, “हमारे धर्म में तो ये है कि कहीं भी पत्थर रख दो, लाल झंडा रख दो पीपल के पेड़ के नीचे और मंदिर बन गया। एक समय ऐसा था कि अयोध्या में रात के समय में मूर्तियां रख दी गई थी। बीजेपी कुछ भी कर सकती है। बीजेपी नफरत की राजनीति करती है।”

वहीं इत्तेहाद -ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने मुसलमानों से जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि भारत के हर जिले में करीब 2 लाख मुसलमान इकट्ठा हो और जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करें।