हरियाणा के बाद अब गुजरात में भी खुले में नमाज पढ़ने पर विरोध शुरू हो गया है। गुरुग्राम में जारी विरोध के बीच एक हिन्दू समुदाय के शख्स ने अपनी दुकान की जगह नमाज पढ़ने के लिए दे दी है। उधर अहमदाबाद में वीएचपी के सदस्य नमाज के बाद पार्क को शुद्ध करने के लिए पहुंच गए।

खुले में नमाज के खिलाफ गुड़गांव के कुछ निवासियों और राइटविंग समूहों के विरोध के बीच, एक व्यक्ति अक्षय यादव ने नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय को अपनी खाली दुकान दे दी। शख्स के अनुसार पिछले शुक्रवार को यहां कम से कम 15 लोगों ने नमाज अदा की थी।

अक्षय यादव ने कहा कि वह अखबारों में पढ़ रहे थे कि जुमे की नमाज बाधित हो रही है। जिसके बाद इस मुद्दे पर उन्होंने अपने एक किरायेदार तौफीक अहमद से बात की। उन्होंने कहा- “मैंने उनसे कहा कि मेरे घर के पास एक खाली दुकान है, जिसका इस्तेमाल नमाज के लिए किया जा सकता है। इस इलाके में मुस्लिम समुदाय के काफी लोग ऑटो मार्केट और पास के सर्विस स्टेशनों में काम करते हैं। मैं बस समुदायों के बीच शांति और सद्भाव की आशा करता हूं। संविधान कहता है कि प्रत्येक नागरिक को प्रार्थना करने का अधिकार है और किसी को भी इस पर आपत्ति नहीं हो सकती है”।

पिछले 12 नवंबर को राइटविंग संगठन ने सेक्टर 12 ए में नमाज स्थल पर यह कहते हुए डेरा डाला दिया था कि वे वहां पर वॉलीबॉल कोर्ट बनाएंगे। जबकि सरहौल में 80 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने एक पार्क पर कब्जा कर नमाज को बाधित कर दिया था।

गुरुग्राम के सेक्टर 12 ए की साइट उन 37 जगहों में शामिल थी, जहां पर प्रशासन ने नमाज पढ़ने की अनुमति दी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां पर कुछ हिन्दूवादी संगठन खुले में नमाज का विरोध करते हुए इस साइट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। काफी विवादों के बाद आखिरकार प्रशासन ने इस साइट पर से नमाज पढ़ने की अनुमति वापस ले ली थी।

उधर अहमदाबाद में वीएचपी के कार्यकर्ता उस पार्क का शुद्धिकरण करने पहुंच गए, जहां कुछ लोगों ने नमाज पढ़ी थी। जानकारी के अनुसार 16 नवंबर को विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने अहमदाबाद के वस्त्रपुर इलाके में स्थित एक बगीचे में “शुद्धिकरण अनुष्ठान” किया। इस घटना के वायरल वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग नारा लगाते हुए फूल और गंगाजल का छिड़काव कर रहे हैं।