दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी शिकस्त के बाद उसकी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (बादल) की स्थानीय शाखा के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने बुधवार को कहा कि चुनाव से ठीक पहले भाजपा का डेरा सच्चा सौदा पंथ के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह से समर्थन लेना एक ‘गलती’ थी, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन में कोई दरार नहीं है। विधानसभा चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा ने दिल्ली में भाजपा को समर्थन का एलान किया था। उसने कुछ महीने पहले हरियाणा में भी भाजपा का समर्थन किया था। अकाली दल ने दिल्ली की चार सीटों राजौरी गार्डन, कालकाजी, शाहदरा और हरिनगर से चुनाव लड़ा था।
इन सभी स्थानों पर उसके उम्मीदवार हार गए। इस चुनाव में भाजपा को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा जिसे 70 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ तीन सीटें मिलीं। जीके ने कहा कि वे भाजपा या किसी की आलोचना नहीं करना चाहते हैं। वे हार का आकलन करेंगे। यह देखेंगे कि उनसे गलती हुई या उम्मीदवार से गलती हुई है या फिर भाजपा से गलती हुई है। सुखबीर बादल भी आ रहे हैं। वे भाजपा के साथ भी बैठक करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि डेरा सच्चा सौदा से चुनाव से ठीक पहले समर्थन लेना गलती थी तो उन्होंने कहा कि समर्थन लेना गलती थी। उन्होंने समर्थन लिए जाने के समय ही इसे खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि हमें समर्थन की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही जीके ने यह भी कहा कि भाजपा-अकाली दल गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका भाजपा के साथ गठबंधन पक्का है।
इसमें कोई दरार नहीं है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। जीके ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि अकाली दल के उम्मीदवारों को सिख समुदाय का पूरा समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कहा, उन्हें सिख समुदाय का समर्थन मिला है। कांग्रेस का वोट आम आदमी पार्टी के पास चला गया, इसलिए उनके उम्मीदवारों की हार हुई।