गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इशरत जहां एनकाउंटर केस में आरोपी रहे पूर्व डीजीपी पीपी पांडे को ने गुरुवार को सम्मानित किया। उन्हें पुलिस बल में प्रतिष्ठित सेवा के लिए यह सम्मान दिया गया। पांडे समेत कुल 168 लोगों को सीएम ने सम्मानित किया। पांडे 2004 में हुए इशरत जहां एनकाउंटर मामले में आरोपी थे और बाद में उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया था। वहीं सीएम ने एक और आईपीएस ऑफिसर मोहन झा जो कि केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी के ससदस्य थे उन्हें भी सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम अहमदाबाद में आयोजित किया गया।

जिन 168 अधिकारियों को सम्मानित किया गया है उनके नामों का एलान 2014 से 2019 के बीच गणतंत्र दिवास और स्वतंत्रता दिवस में किया गया था लेकिन गुजरात सीएम ने सभी को एकसाथ स्मामनिता किया। पांडे उन 18 अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें प्रेसिडेंट पुलिस मेडल दिया गया। अन्य 150 अधिकारियों को ‘पुलिस मेडल’ से सम्मानित किया गया।

बता दें कि 2004 में अहमदाबाद सिटी डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (डीसीबी) ने इशरत जहां और उसके दो सहयोगियों का एनकाउंटर कर दिया था। क्राइम ब्रांच की अगुआई डीसीपी डीजी वंजारा कर रहे थे। पांडे उस समय ज्वाइंट कमिशनर (क्राइम) पद पर थे। डीसीबी ने एनकाउंटर के बाद कहा था कि जिन लोगों का एनकाउंटर किया गया उनके संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा से थे और वह तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बना रहे थे।

पांडे 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। 2013 में एनकाउंटर केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया था तो तब वह एडिशनल डीजीपी (एडीजीपी) (सीआईडी) क्राइम पद पर थे। सीबीआई ने उनके और अन्य आरोपियों को साजिश, हत्या और अपहरण के आरोपों समेत अन्य अपराधों के लिए चार्जशीट दायर की थी। फरवरी 2015 में उन्हें जमानत दी गई थी और उनकी जमानत के चार दिन बाद, गुजरात सरकार ने उनके खिलाफ निलंबन आदेश रद्द कर दिया था, जिसके बाद उन्हें राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था।