गुजरात में 31 जिला पंचायतों में से 20 पर आगे होकर कांग्रेस राज्य के ग्रामीण इलाकों में प्रभावशाली तरीके से वापसी करती दिखाई दे रही है, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा शहरों में निकायों पर अपना कब्जा बरकरार रखती नजर आ रही है। पिछले 12 सालों में गुजरात में भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगभग हर चुनाव में हारती आ रही कांग्रेस एक तरह से राज्य में अपना पूरा आधार खो चुकी थी। कांग्रेस ने शुरुआती रुझानों से मिल रहे अच्छे संकेतों को भाजपा सरकार के खिलाफ जनादेश बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में पहले भाजपा का लगभग सभी स्थानीय निकायों पर कब्जा था।

पटेल आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में और मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल के लिए पहले बड़े राजनीतिक मुकाबले के चलते निकाय चुनावों को सत्तारूढ़ पार्टी के लिहाज से महत्त्वपूर्ण समझा जा रहा है। प्रदेशभर से आए शुरुआती रुझानों के अनुसार राज्य की 31 जिला पंचायतों में से 18 पर बढ़त बनाकर चल रही कांग्रेस ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है जो 2010 में 30 जिला पंचायतों पर जीती थी। राज्य की 230 तालुका पंचायतों में कुल 4778 सीटें हैं, जिनमें से 2204 पर कांग्रेस आगे है और 1798 पर भाजपा आगे है।

बहरहाल भाजपा अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, भावनगर, जामनगर और वड़ोदरा समेत सभी छह नगर निगमों पर आगे है जिनके लिए पिछले महीने मतदान हुआ था। सत्तारूढ़ पार्टी 56 नगर पालिकाओं में से 34 में आगे चल रही है, वहीं कांग्रेस नौ पर बढ़त बनाए हुए है।

परिणामों से उत्साहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा, यह राज्य के लिए एक लघु-चुनाव की तरह है जहां कांग्रेस अधिकतर क्षेत्रों (ग्रामीण) में जीत रही है। यह राज्य सरकार के खिलाफ जनादेश है। छह नगर निगमों के लिए मतदान 22 नवंबर को हुआ था, वहीं 31 जिला पंचायतों, 230 तालुका पंचायतों और 56 नगर पालिकाओं के लिए मतदान 29 नवंबर को हुआ था।

स्थानीय निकाय चुनावों को मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की लोकप्रियता की कसौटी के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्य में ये पहले महत्त्वपूर्ण चुनाव हैं। चुनाव पटेल आरक्षण आंदोलन की पृष्ठभूमि में भी हो रहे हैं। अब तक पूरी तरह भाजपा को समर्थन देते रहे राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पटेल समुदाय ने आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई पुलिसिया कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार का विरोध किया है और कांग्रेस इससे फायदा होने की उम्मीद कर रही है।

पटेल समुदाय को ओबीसी के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे समुदाय ने अपने सदस्यों से भाजपा के खिलाफ वोट देने और कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने का अनुरोध किया।

कांग्रेस के लिए अच्छी ख़बर:

इस बीच कांग्रेस ने गुजरात निकाय चुनावों के शुरुआती रुझानों को अच्छी खबर बताया और दावा किया कि उसने 31 जिला पंचायतों में से 20 पर जीत हासिल कर ली है वहीं पांच अन्य सीटों पर कड़ी टक्कर चल रही है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा, गुजरात निकाय चुनावों में अच्छी खबर। कांग्रेस 31 जिला पंचायतों में से 20 पर जीत गयी है और अन्य पांच पर मुकाबले में है। साढ़े छह करोड़ गुजरातियों को बधाई। उन्होंने कहा, ‘गुजरात निकाय चुनाव। मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल मेहसाणा जिले में अपनी भैचराजी प्रखंड पंचायत हार गई हैं। जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बधाई।’