Sohini Ghosh
सिर में भगवा पट्टी और हाथ में लोहे की रॉड लिए साल 2002 में गुजरात में गोधरा दंगों में हमलावरों का चेहरा बने अशोक मोची ने अब नई शुरुआत की है। 45 वर्षीय अशोक परमार उर्फ अशोक मोची ने जूते की दुकान खोली है। खास बात यह रही कि इस दुकान का उद्घाटन करने गोधरा दंगे में पीड़ितों का चेहरा बने कुतुबद्दीन अंसारी पहुंचे।
अंसारी ने शुक्रवार को अशोक की दुकान का फीता काटा। इस दौरान दोनों एक दूसरे के गले मिले। गोधरा दंगों के दौरान 28 फरवरी 2002 के अंसारी की मदद मांगने की तस्वीर काफी चर्चित हुई थी। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान अशोक मोची और कुतुबद्दीन अंसारी ने केरल में वाम दल के उम्मीदवार पी. जयराजन के लिए चुनाव प्रचार भी किया था।
अशोक मोची पिछले 25 साल से दिल्ली दरवाजा के समीप जूतों की मरम्मत का काम कर रहे हैं। शुक्रवार को अशोक ने बताया कि मेट्रो के निर्माण के कारण उनका काम प्रभावित हुआ। वह पहले दिन में करीब 300 रुपये कमा लेते थे लेकिन वह घट कर 150 रुपये पहुंच गया।
‘एकता चप्पल घर’ नाम वाली मोची की दुकान शुरू करने के लिए उन्हें केरल में सीपीएम की तरफ से पैसे उपलब्ध कराए गए हैं। अब अशोक मोची जूते-चप्पल की मरम्मत करने की बजाय रेडिमेड जूते बेचेंगे। अशोक फिलहाल अहमदाबाद के थोक बाजार से जूते लाएंगे। हालांकि अभी किसी वेंडर विशेष से उसका कोई समझौता नहीं हुआ है।
इससे पहले अशोक ने दुकान के लिए कुतुबद्दीन अंसारी को दुकान की ओपनिंग के लिए मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। दंगों के बाद पेशे से दर्जी का काम करने वाला अंसारी पश्चिम बंगाल में बस गए थे। अंसारी अभी भी दर्जी का काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने घर में एक वर्कशॉप भी खोल ली है। वह कपड़ों को सिलते और उसके बाद बाजार में बेच आते हैं।
अशोक मोची के साथ अपने संबंधों पर अंसारी कहते हैं कि हम लोग समय-समय पर एक दूसरे से मिलते रहते हैं। उसने (अशोक) कहा कि वह अपनी दुकान का उद्घाटन मेरे हाथ से कराना चाहता है तो मैं इसके लिए तैयार हो गया। मैंने उसकी दुकान से एक जोड़ी चप्पल भी खरीदी है।
