राज्यसभा द्वारा संशोधित गुड्स एंड सर्विस टैक्स बिल (GST Bill) सोमवार को लोकसभा में सर्वसम्मति से पास हो गया। बिल पर कुल 443 सदस्यों ने वोटिंग की और सभी सदस्यों ने संशोधित बिल के पक्ष में वोटिंग करके इसे सर्वसम्मति से पारित किया। वोटिंग से पहले जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया। जीएसटी पर बात करते हुए प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी ने इस टैक्स रिफॉर्म्स के तौर पर परिभाषित करते हुए कहा कि GST का अर्थ ग्रेट स्टेप टुवर्ड्स ट्रांसफॉरमेशन/ट्रांसपेरेंसी है। बता दें कि राज्यसभा इस संविधान संशोधन विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। वैसे यह विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका था किन्तु उच्च सदन में सरकार द्वारा लाये गये संशोधनों के कारण इसे फिर से निचले सदन की मंजूरी दिलवानी पड़ी।
जीएसटी पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टैक्स टेररिज्म से मुक्ति पाने के लिए यह विधेयक जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में गरीबों के उपयोग की अधिकतर वस्तुओं को कर से अलग रखा गया है और इससे भ्रष्टाचार और काले धन पर लगाम लगाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि कच्चा बिल और पक्का बिल सिस्टम ब्लैक मनी एकत्र करने में मदद करता है। जीएसटी से इसे खत्म करने में मदद मिलेगी। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो बात पीएम मोदी को सीएम रहते नहीं समझ में आई वो पीएम बनने के बूाद समझ आई, मैं उनका धन्यवाद करता हूं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी राजनीतिक पार्टियों और सांसदों का चर्चा में भाग लेने के लिए शुक्रियदा किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 122वें संविधान संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह मार्गदर्शक सिद्धान्त होगा कि जीएसटी दर को यथासंभव नीचे रखा जाए। निश्चित तौर पर यह आज की दर से नीचे होगा। वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बिल पास होने के बाद कहा, मुझे लगता है कि यह देश के लिए एक अच्छा कदम है। राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी पर शुरुआत में हमें तीन बड़े मतभेद थे, दो को हमने सुलझा लिया है। अधितकम 18 फीसदी टैक्स की समस्या अभी भी है, जिस पर दिसंबर में बातचीत होगी।
GST बिल कैसे बनेगा कानून
जीएसपी बिल मई 2015 में लोकसभा से पास हो गया था। जिसके बाद भी इसे पिछले हफ्ते राज्यसभा भेजा गया था, वहां से पास होने के बाद 8 अगस्त को संशोधित बिल को लोकसभा में फिर से पेश किया गया। लोकसभा में सर्वसम्मति से बिल पास हो गया है। संविधान संशोधन बिल होने के कारण इसे 15 राज्यों के विधानसभा में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। तत्पश्चात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बनेगा।