गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) बिल बुधवार को राज्यसभा में संशोधन के लिए पेश किया जाएगा। सरकार ने बिल में 1 पर्सेंट अतिरिक्त टैक्स हटाने और राज्यों को जीएसटी से नुकसान होने पर 5 साल तक उन्हें 100 पर्सेंट मुआवजा दिए जाने जैसे बड़े बदलाव किए हैं। जीएसटी विधेयक में दी गई मौजूदा व्यवस्था में राज्यों को पहले तीन साल तक 100 प्रतिशत, चौथे साल 75 प्रतिशत और पांचवें साल 50 प्रतिशत राजस्व नुकसान की भरपाई का प्रावधान किया गया था। बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन बदलावों को मंजूरी दे दी गई है। जीएसटी लागू होने पर पूरे देश में एक टैक्स नियम लागू हो जाएगा।
बता दें कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक के संशोधित प्रावधानों को मंगलवार को सदस्यों के बीच वितरित किया गया था। जिसमें एक जीएसटी काउंसिल की आवश्यकता जताई गई थी, जो केंद्र और राज्यों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों के निपटाएगाष इस काउंसिल में केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि होंगे।
विधेयक में एक प्रतिशत अंतर-राज्यीय कर को समाप्त कर सरकार ने विपक्षी दल कांग्रेस की तीन में से एक प्रमुख मांग को मान लिया है। इन संशोधनों से सरकार को उम्मीद है कि कांग्रेस जीएसटी पर उसका साथ दे सकती है। अब तक कांग्रेस ने राज्यसभा में जीएसटी बिल को अटका रखा था। कांग्रेस के अलावा लेफ्ट, बीएसपी और जेडीयू ने भी इस बिल को पेश करने में अपना समर्थन दिया है। पिछले सप्ताह वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों के साथ हुई बैठक में वादा किया था कि टैक्स को कम रखा जाएगा और राज्यों के राजस्व का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
क्या है GST पर कांग्रेस की तीन बड़ी मांगे
कांग्रेस अपनी तीन मांगों को लेकर GST बिल का राज्यसभा में विरोध कर रही है। कांग्रेस चाहती है कि सरकार जीएसटी की दर की अधिकतम सीमा 20 प्रतिशत तय कर दे और इस दर को संविधान संशोधन में शामिल किया जाए। हालांकि सरकार का इस पर मत है कि अगर ऐसा किया गया तो दरों में बदलाव करने के लिए हर बार संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। कांग्रेस की दूसरी मांग- एक प्रतिशत अतिरिक्त कर को हटवाना है, जो वस्तुओं को राज्यों की सीमा से आर-पार लाने या ले जाने पर देना होगा। कांग्रेस की तीसरी बड़ी मांग है- उस काउंसिल के अधिकारों को बढ़ा दें, जो राज्यों के बीच राजस्व बंटवारे के विवादों को सुलझाने के लिए बनाई जाएगी।
आम आदमी को जीएसटी से कैसे होगा फायदा
जीएसटी के लागू होने का सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को होगा। इसके लागू होने के बाद पूरे देश में किसी भी सामान या उत्पाद का एक की रेट होगा यानी देश के किसी भी हिस्से के सामान खरीदने पर आपको समान कीमत चुकानी होगी। इसके साथ ही जीएसटी लागू होने से अतिरिक्त टैक्स नहीं देगा। अभी लोगों को 30-35 पर्सेंट तक टैक्स देना होता है लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद 17-18 प्रतिशत ही टैक्स देना होगा। जीएसटी लागू होने से एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स, वैट, सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स और लग्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगे।
GST बिल कैसे बनेगा कानून
जीएसपी बिल मई 2015 में लोकसभा से पास हो गया था। जिसके बाद भी इसे राज्यसभा भेजा गया। बुधवार को अगर बिल राज्यसभा से पास हो जाता है तो इसे 15 राज्यों के विधानसभा में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। तत्पश्चात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बनेगा।