पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के भाई के पोते एपीजे सैयद रजा इब्राहिम ने बीजेपी छोड़ दी है। वह चाहते थे कि उनके दादाजी के बंगले को स्मारक में तब्दील कर दिया जाए। इब्राहिम ने 2012 में बीजेपी ज्वाइन की थी। उन्होंने तमिलनाडु बीजेपी के माइनॉरिटी विंग के उपाध्यक्ष और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दोनों से इस्तीफा दे दिया है। जुलाई में कलाम के निधन के बाद से लगातार इस बंगले को स्मारक बनाने की मांग उठ रही है, लेकिन मोदी सरकार ने बंगलों को स्मारक न बनाने की नीति का हवाला देकर 10 राजाजी मार्ग स्थित कलाम के बंगले को स्मारक में तब्दील करने से इनकार कर दिया था। बाद में बंगला बीजेनी नेता और संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा को अलॉट कर दिया।
पहले भी कई नेता कर चुके हैं मांग
नियमों के मुताबिक लुटियंस जोन के अंतर्गत आने वाले किसी भी सरकारी बंगले को अब स्मारक नहीं बनाया जा सकता। अक्टूबर 2014 में मोदी कैबिनेट ने एक फैसला किया था कि दिल्ली में किसी मंत्री-सांसद, या किसी और की स्मृति में किसी सरकारी बंगले को स्मारक में नहीं बदला जाएगा। इससे पहले भी राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजित सिंह ने भी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बंगले को स्मारक बनाने की मांग की थी, लेकिन उन्हें भी मोदी सरकार ने इनकार कर दिया था। अजित सिंह से पहले पूर्व लोकसभा स्पीकर और कांग्रेस नेता मीरा कुमार भी अपने पिता और पूर्व कांग्रेसी नेता जगजीवन राम की याद में उनके बंगले को स्मारक बनवाने की मांग कर चुकी हैं, लेकिन उन्हें भी मोदी सरकार ने इनकार कर दिया था।
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