सरकार ने बचत योजनाओं के ब्याज दर में कटौती के ऐलान को वापस ले लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लघु बचत योजनाओं यानी छोटी बचत की योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर जारी रहेंगी। वित्त मंत्री ने आज सुबह एक ट्वीट कर यह जानकारी दी। उनके ट्वीट करते ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और सरकार को घेरने की कोशिश की।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ‘मोदीशाहनिर्मला सरकार’ चुनाव से डर गई है इसलिए उन्होने यह फैसला वापस लिया है। कांग्रेस नेता ने लिखा “चुनाव के डर से मोदीशाहनिर्मला सरकार ने अपना गरीब व आम आदमी की Small Savings की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया। धन्यवाद। लेकिन निर्मला जी यह वादा भी कर दीजिए कि चुनाव हो जाने के बाद भी आप फिर से ब्याज दर नहीं घटाएँगीं।”
Interest rates of small savings schemes of GoI shall continue to be at the rates which existed in the last quarter of 2020-2021, ie, rates that prevailed as of March 2021.
Orders issued by oversight shall be withdrawn. @FinMinIndia @PIB_India— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 1, 2021
एक ञ ट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा “निर्मला जी यह भी हमें बता दें कि किसकी “Oversight” से यह आदेश निकले और ऐसे समय में जब भाजपा लोगों को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है यह आदेश कैसे निकल गया।” दिग्विजय ने ब्याज दरों की एक तस्वीर भी शेयर की और लिखा “सरकार ने PPF, NSC के ब्याज दर में कटौती की है। मोदीशाहभाजपा शासन काल में मज़दूरों और सेवारत कर्मियों पर ही गाज गिरती है। उनकी गाढ़ी कमाई की जमा राशि पर ब्याज दरें कम कर दी गई है।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ट्वीट पर यूजर्स ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी और सरकार से सवाल पूछे। एक यूजर ने लिखा “स्कीम इतने जल्दी फ्लॉप हो गई, चुनाव आ गए और बहन दर गई है।” एक अन्य यूजर ने लिखा “आज 1 अप्रैल है और यह मैसेज एक अप्रैल फूल हो सकता है। देश की अर्थव्यवस्था खराब करने के लिए आप को इस्तीफा दे देना चाहिए।”
कांग्रेस के विनीत पुनिया ने लिखा “भाजपा केवल ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है, जनता के बीच अपना भरोसा खो चुकी है। 2014 की ब्याज दरें नीचे दी गई हैं पर आम भारतीय पर BJP ने बार-बार आर्थिक चोट मारी है। बार-बार लघु बचत योजनाओं, कर्मचारियों के पीपीएफ बचत खातों, किसान बचत योजना/सुकन्या की ब्याज दरों में भारी कमी की है।”