कांग्रेस ने बीपीसीएल के विनिवेश के सरकार के फैसले के खिलाफ और इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे को लेकर लोकसभा में हंगामा किया। इलेक्टोरल बॉन्ड को ‘बड़ा घोटाला’ करार देते हुए कांग्रेस के साथ कुछ विपक्षी पार्टियों ने गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान आरोप लगाया कि इस योजना में ‘पारदर्शिता की कमी’ है और उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सदन से बहिर्गमन किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मामले को कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उठाया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव दिया है। लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी।
इस बीच, कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। उन्होंने ‘इलेक्टोरल बॉन्ड का चंदा बंद करो’ और ‘बीपीसीएल को बेचना बंद करो’ के नारे लगाए। लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्यों से अपनी जगह पर जाने की अपील करते हुए कहा कि सदन में युवा एवं खेल जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा हो रही है, ऐसे में नारेबाजी नहीं करना चाहिए। इसके बाद कई सदस्यों ने कहा कि वह जो मुद्दा उठा रहे हैं वह भी महत्वपूर्ण है। इस पर बिरला ने कहा कि आसन के समक्ष खड़े होकर आसन से बात नहीं करें। उन्होंने कहा कि जब कार्यस्थगन प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं हुआ तो फिर आसन के निकट आकर नारेबाजी करना ठीक नहीं है।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे आ जाते हैं कि उन्हें कार्य स्थगन प्रस्ताव देना पड़ता है और आसन का किसी तरह से अनादर करने की कांग्रेस सदस्यों की कोई मंशा नहीं है। सत्ता पक्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे विपक्ष में थे तो उन्होंने सदन को चलने नहीं दिया था और कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के खिलाफ आरोप लगाए थे।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मुद्दे को शून्यकाल में उठाया और इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का उल्लेख किया। तिवारी ने कहा, “1 फरवरी, 2017 से जब इस सरकार ने आम बजट के दौरान अज्ञात इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव रखा तो यह भ्रष्टाचार को ढंकने का एक प्रयास था। जब यह योजना लागू की गई तो यह केवल लोकसभा चुनाव तक ही सीमित थी।” जब मनीष तिवारी को कर्नाटक चुनाव से पहले की घटना को शामिल करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को लेकर सवाल उठाने की अनुमति लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नहीं दी गई तो कांग्रेस सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन से बर्हिगमन कर गए।
संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे साफ-सुथरी सरकार चला रहे हैं और इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं है। शून्यकाल में मुद्दा उठाने का आश्चासन मिलने के बाद कांग्रेस सदस्य अपने स्थान पर चले गए और बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
(भाषा इनपुट के साथ)