Jammu Kashmir: लोकसभा चुनाव के बीच जम्मू-कश्मीर की शांत वादियों में 22 अप्रैल की शाम एक बार फिर से टारगेट किलिंग का मामला सामने आया। राजौरी जिले में मस्जिद से बाहर निकल रहे सरकारी कर्मचारी को हमलावरों ने गोलियों से भून दिया। मृतक की पहचान 40 साल के मोहम्मद रजाक के रूप में हुई है। घटना के बाद घर में मातम पसरा हुआ है।

राजौरी जिले में तैनात समाज कल्याण विभाग के जूनियर असिस्टेंट मोहम्मद रजाक कुंडा टोपा गांव की मस्जिद से नमाज पढ़कर घर पर आ रहे थे। रास्ते में घात लगाकर बैठे आतंकियों ने उसे देखते ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसानीं शुरू कर दीं। गोलियां लगते ही वह खून से लथपथ होकर गिर पड़ा। इसके बाद आतंकी भाग निकले। गोलियों की आवाज सुन कर जब परिवार के लोग बाहर निकले तो रजाक खून से लथपथ गिरा पड़ा मिला। कुछ ही समय बाद उसने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि मृतक रजाक के पांच बच्चे हैं जिनमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं।

पिता को भी आतंकियों ने बनाया था निशाना

घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षाबल पहुंच गए। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी रजाक के छोटे भाई ताहिर चौधरी उर्फ लाल हुसैन को टारगेट करने आए थे। लेकिन उन्होंने मोहम्मद को निशाना बना दिया। रजाक के पिता मोहम्मद अकबर को भी 12 साल पहले आतंकियों ने अपना शिकार बनाया था। उन्होंने रजाक के पिता की गला रेतकर हत्या कर दी थी। उसके बाद रजाक को अपने पिता की जगह एसआरओ की नौकरी मिली थी। रजाक का परिवार शुरू से ही आतंकियों के निशाने पर रहा है।

इलेक्शन से पहले सुरक्षाबलों का संयुक्त तलाशी अभियान

हाल के महीनों में राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में आतंकवाद से संबंधित कई घटनाओं को देखते हुए पुलिस और सुरक्षा बलों ने आगामी चुनाव से पहले संयुक्त ऑपरेशन चलाया है। रविवार के दिन सुरक्षाबलों ने पुंछ जिले के हरि बुद्ध इलाके से एक स्कूल हेडमास्टर को पकड़ा था और उसके घर से एक पिस्टल, गोला-बारूद और दो चीनी ग्रेनेड जब्त किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वह चुनाव की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर सकता था।