जम्मू कश्मीर में नई सरकार के गठन को लेकर अनिश्चितता जारी रहने के बीच राज्यपाल एनएन वोहरा ने शुक्रवार को पीडीपी और भाजपा को इस बारे में बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया। चुनाव के बाद पीडीपी और भाजपा क्रमश: पहली और दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी हैं लेकिन किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया है।

राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि वोहरा ने पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जुगल किशोर को ‘सरकार गठन पर चर्चा करने के लिए’ अलग-अलग पत्र भेजे हंै। भाजपा को 87 सदस्यीय विधानसभा में 25 सीटें जबकि पीडीपी को 28 सीटें मिली हैं। दोनों पार्टियों ने पिछले दो दिन के दौरान साथ आने की संभावना पर चर्चा की है। यद्यपि इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि दोनों दलों में बातचीत किस हद तक आगे बढ़ी है।

वहीं दोनों अन्य प्रमुख पार्टियां-नेशनल कांफ्रेंस (15 सीट) और कांग्रेस (12 सीट) भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए अपना प्रयास जारी रखे हुए हैं। दोनों ने पीडीपी को समर्थन की पेशकश की है जिसने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष व निवर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहले ही घोषणा कर दी है कि उनकी पार्टी और भाजपा के बीच कोई ‘डील’ नहीं हुई है। उन्होंने शुक्रवार रात ट्वीट करके कहा कि पीडीपी को समर्थन की ‘केवल मौखिक पेशकश की गई है।’ लेकिन ऐसा लगता है कि ‘पीडीपी ने भाजपा पर दबाव बनाने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के समर्थन का एक पत्र लीक कर दिया है जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है।’

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली में कहा, ‘भाजपा का रवैया राज्य के लोगों के जनादेश के प्रति असंवेदनशील होने जैसा है।’ इस बात को लेकर अटकलें जारी रहने पर कि पीडीपी सरकार बनाने के लिए गठबंधन भाजपा के साथ करेगी या नेशनल कांफ्रेंस से बाहर से समर्थन लेकर कांग्रेस के साथ करेगी, पीडीपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी भाजपा के साथ बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद के लिए तैयार नहीं है।

पीडीपी के एक अन्य नेता ने कहा कि कांग्रेस और कुछ निर्दलीयों के समर्थन से पार्टी सरकार गठन के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा प्राप्त कर लेगी। जम्मू में कांग्रेस प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा कि पार्टी भाजपा को राज्य में सत्ता में आने से रोकने के लिए पीडीपी और छह अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ संपर्क में है।

वहीं भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में स्थिर सरकार के लिए सभी महत्वपूर्ण हितधारकों से बातचीत कर रही है। माधव ने घाटी आधारित राजनीतिक दलों के नेताओं से कई बैठकें की हैं जिनमें पीडीपी के मुजफ्फर हुसैन बेग भी शामिल हैं। माधव ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास राज्य के विकास के लिए एक भव्य दृष्टि है।

दिल्ली रवाना होते समय माधव ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस सपने को साकार करने के लिए हमें ऐसी सरकार बनानी होगी जो राज्य के विकास को पटरी पर ला सके।’
उन्होंने गुरुवार को श्रीनगर पहुंचने के बाद पीडीपी से हुई अपनी बातचीत पर कहा कि बातचीत अभी भी प्रारंभिक स्तर पर है। उन्होंने कहा, ‘पीडीपी महत्वपूर्ण हितधारक है और उसे जनाधार का एक बड़ा हिस्सा मिला है। मुफ्ती (मोहम्मद सईद) का पांच दशक लंबा राजनीतिक करियर है और उनका न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में सम्मान है।’

माधव ने कहा, ‘नेशनल कांफ्रेंस को भी काफी सीटें मिली हैं। वह (अटल बिहारी) वाजपेयी के कार्यकाल (प्रधानमंत्री के रूप में) राजग का हिस्सा भी रही है।’ उन्होंने यद्यपि इस सवाल को टाल दिया कि भाजपा दोनों पार्टियों में से किससे गठबंधन करना पसंद करेगी। उन्होंने कहा कि सवाल पार्टी का नहीं बल्कि एक स्थिर और विश्वसनीय सरकार मुहैया कराने का है।

अनिश्चय का कुहासा

वोहरा ने पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जुगल किशोर को ‘सरकार गठन पर चर्चा करने के लिए’ अलग-अलग पत्र भेजे हैं। भाजपा को 87 सदस्यीय विधानसभा में 25 सीटें जबकि पीडीपी को 28 सीटें मिली हैं।

भाजपा और पीडीपी ने पिछले दो दिन के दौरान साथ आने की संभावना पर चर्चा की है। लेकिन ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि दोनों में बातचीत किस हद तक आगे बढ़ी है। वहीं अन्य दो प्रमुख पार्टियां -नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस- भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए अपना प्रयास जारी रखे हैं। दोनों ने पीडीपी को समर्थन की पेशकश की है जिसने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।