जम्मू कश्मीर में नयी सरकार के गठन को लेकर राज्यपाल एन एन वोहरा ने शुक्रवार को पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को पत्र भेजा और इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद प्रदेश में शोक की लहर है और महबूबा मुफ्ती शोक के चौथे दिन तक मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं लेना चाहतीं, ऐसे में गठबंधन सहयोगी पीडीपी और भाजपा ने आगे के फैसलों पर चर्चा की।

राज भवन के सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल ने महबूबा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल शर्मा को पत्र लिखकर उनसे नयी सरकार के गठन पर उनकी औपचारिक राय मांगी है। राज भवन के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राज्यपाल एन एन वोहरा ने गठबंधन सरकार के सहयोगी दलों के नेताओं के साथ संपर्क में रहने के साथ ही फैक्स से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल शर्मा को पत्र भेजकर उनसे नयी सरकार के गठन के संबंध में अपनी-अपनी स्थिति तत्काल बताने को कहा है।’’

पीडीपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी और एक पत्र दिया था जिसके अनुसार पार्टी के सभी 28 विधायकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा के नाम का समर्थन किया। शर्मा के अनुसार राज्य में गठबंधन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की लेकिन चार दिन के शोक की अवधि पूरी होने तक उत्तराधिकार के विषय पर बातचीत टाल दी। उन्होंने कहा, ‘‘हम चौथे दिन के बाद निर्णय लेंगे।’’

मौजूदा हालात के मद्देनजर इस बात की संभावना है कि राज्य में कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। सरकार गठन में देरी के कारण बताते हुए पीडीपी के आला नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि महबूबा से यह अपेक्षा करना उचित नहीं होगा कि वह शोक के चार दिन की अवधि से पहले शपथ लें। बारामूला से लोकसभा सदस्य बेग ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उनसे यह अपेक्षा कैसे कर सकते हैं या उन्हें यह सलाह कैसे दे सकते हैं कि वह अभी शपथ ग्रहण कर लें? उन्हें अपने परिवार को सांत्वना देनी है और शक्ति प्रदान करनी है।’’

जानेमाने वकील बेग ने किसी मुख्यमंत्री के नहीं होने की स्थिति में राज्य के संवैधानिक संकट की ओर बढ़ने की धारणाओं को खारिज करते हुए कहा कि पीडीपी अध्यक्ष ‘सत्ता की भूखी’ नहीं हैं और समय के साथ सबकुछ होगा। उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक बारीकी है। राज्यपाल शपथ-ग्रहण समारोह तक कार्यवाहक के रूप में कामकाज देख सकते हैं।’’

भाजपा विधायकों के साथ बंद कमरे में बैठक करने से पहले माधव ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पीडीपी नेताओं से सरकार बनाने के बारे में चर्चा की। हालांकि उन्होंने विवरण नहीं दिया। राम माधव ने कहा, ‘‘मैं मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक प्रकट करने के लिये महबूबा मुफ्ती से मिलने गया। हमने सरकार के भविष्य को लेकर कुछ बातचीत की लेकिन मैं फिलहाल इस बातचीत के बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं कर सकूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समय आने पर हम आपको बताएंगे।’’

प्रदेश में सरकार नहीं होने की स्थिति में क्या किसी तरह का संवैधानिक संकट होगा, इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस पर राज्यपाल टिप्पणी कर सकेंगे। इस बीच विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सरकार के गठन को लेकर भाजपा के रुख पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पीडीपी अध्यक्ष को उनके पिता के निधन पर शोक करने का मौका देना चाहिए। उमर ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा राज्य पर यह अनिश्चितता क्यों थोप रही है? गौरतलब है कि महबूबा को शोक मनाने के लिए समय की जरूरत है लेकिन ये लोग?’’