देश के शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सरकार पीएम आवास योजना को बढ़ाना चाहती है। सरकार शहरों में रहने वाले मध्यम वर्गीय परिवारों की आय सीमा को घटाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना का लाभ देने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही सरकार इसे सही तरह से अमल में लाने के लिए एक बार की जगह पांच साल के लिए सब्सिडी दिया जाएगा। हालांकि सब्सिडी की राशि को लेकर सरकार चुप है। वहीं सूत्रों की मानें तो सरकार अंतिम चरण में दी गई राशि को ही इस बार भी देने की तैयारी कर रही है। पिछली बार इस योजना के तहत 2.6 लाख रुपये दिए गए थे।
आगामी 23 जुलाई को आने वाले बजट में ऐसी संभावना है कि सरकार इस योजना को अमल में लाए। वर्तमान समय में इस योजना में इनकम लिमिट 18 लाख रुपये है। लेकिन सरकार इस लिमिट को घटाकर 10 लाख रुपये करना चाहती है। अभी तक यह योजना दो चरणों में चल रही थी। पहले चरण में सरकार जिनकी आय 6 लाख से 12 लाख रुपये के बीच हैं तथा जिन परिवार की आय 12 लाख से लेकर 18 लाख के बीच है। जिसे अब सरकार एक श्रेणी में करने पर विचार कर रही है।
इस योजना के तहत उन परिवारों को शामिल किया जा सकता है। जो परिवार शहरों में किराए के घरों, अवैध कॉलोनियों और झुग्गियों में रहने वाले परिवारों को उनके घर के लिए कुछ पैसे देकर उनकी मदद करना है। इन रुपयों पर ब्याज लगेगा लेकिन उसका ब्याज बहुत कम होने की संभावना है। इसको लेकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार इस बार पिछली योजनाओं से सीख के कई नए नियम बनाए गए हैं। इस वजह से सिस्टम को सही तरीके से चलाया जा सके।
केंद्र सरकार नए सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट बैठक में अगले पांच वर्षों में तीन करोड़ परिवारों को घर देने का लक्ष्य रखा है। जिसमें से दो करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में जबकि शहरी इलाकों में एक करोड़ का सरकार ने लक्ष्य रखा है। इस योजना के लिए सरकार बजट आवंटित करेगी।