आने वाले समय में जनसंख्या नियंत्रण को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सख्ती बरती जा सकती है। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने कहा है कि हमारे यहां जनसंख्या बढ़ रही है। इसके कारण सभी समस्याएं पैदा हो रही हैं। जो लोग जनसंख्या नियंत्रण करने में अपना सहयोग दे रहे हैं उन्हें ही सरकारी सुविधाएं और सरकारी संसाधन मिले, उन्हें राज्य सरकार की सभी सुविधाओं का लाभ मिलता रहे।

बताते चलें कि यूपी में जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो सकता है। राज्य विधि आयोग ने कानून को लेकर मसौदा बनाना शुरु कर दिया है। अगले दो महीने में आयोग अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेगा। अगर ये कानून लालू होता है तो सिर्फ दो बच्चों वालों को ही सरकारी सुविधाओं का फायदा मिलेगा। इधर असम में भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार की तरफ से पहल की जा रही है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा था कि असम सरकार राज्य द्वारा वित्त पोषित विशेष योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए चरणबद्ध तरीके से दो बच्चे की नीति को लागू करेगी। सरमा ने कहा था कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति असम में सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाओं का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिसमें हम दो बच्चे की नीति लागू नहीं कर सकते, जैसे कि स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास।’’

सरमा ने कहा था, ‘‘लेकिन कुछ योजनाओं में, जैसे अगर राज्य सरकार आवास योजना की शुरुआत करती है तो दो बच्चे के नियम को लागू किया जा सकता है। धीरे-धीरे आगे चलकर राज्य सरकार की प्रत्येक योजना में यह लागू की जाएगी।’’

असम में 2018 में असम पंचायत कानून, 1994 में किये गए संशोधन के अनुसार पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता और चालू अवस्था में शौचालय के साथ-साथ दो बच्चों का मानदंड है।