बीजेपी नेता वरुण गांधी ट्विटर द्वारा उनको भारत सरकार की आपत्ति के बारे में बताए जाने पर भड़क उठे। दरअसल, ट्विटर ने वरुण गांधी से कहा, ‘हमें आपके ट्विटर अकाउंट के कंटेंट को लेकर भारत सरकार से जानकारी मिली है। जानकारी के मुताबिक आपके ट्वीट के कंटेंट से भारतीय कानून का उल्लंघन होता है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं इसलिए सरकार की ओर से आपत्ति मिलने पर अपने यूजर्स को सूचित करते हैं।’

ट्विटर ने इतना लिखा था कि वरुण गांधी आग बबूला हो गए और ट्वीट किया, ‘ट्विटर स्वतंत्र अभिव्यक्ति की वकालत तो करता है, लेकिन काम करने में विफल रहता है। मुझे यकीन है कि मैंने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और किसी भी कानूनी एजेंसी ने मेरे ट्वीट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया होगा। ट्विटर को इस तरह के व्यवहार के लिए अपना आधार स्पष्ट करना चाहिए। उनके व्यवहार से स्तब्ध हूं।’

नेता ने आगे लिखा, ‘बहुत लंबे समय से, ट्विटर ने हमारे नागरिकों को उनके राजनीतिक विचारों की विविधता के लिए परेशान किया है। यह एक मंच बना रहना चाहिए, लोगों का बहिष्कार करने वाला अदालत नहीं। भारतीयों का यह उत्पीड़न देश के कानून के रहते नहीं चलेगा।’


वरुण गांधी ने लिखा, ‘मैंने ये ट्वीट भारत सरकार के भीतर भारतीय कानून से जुड़े सभी संभावित तरीकों से पूछताछ के बाद किए हैं। अगर ट्विटर को वास्तव में मेरे कंटेंट के बारे में कोई शिकायत मिली है, तो उसे उस कानूनी नोटिस को शेयर करना चाहिए।’

वहीं आज कर्नाटक हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 ए के तहत गाजियाबाद में जारी नोटिस के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया। गाजियाबाद वीडियो मामले की जांच के संबंध में मनीष माहेश्वरी को यूपी पुलिस ने लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन के समक्ष पेश होने के लिए कहा था।

अदालत ने यूपी पुलिस के नोटिस को चुनौती देते हुए भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत माहेश्वरी द्वारा दायर एक रिट याचिका में अंतरिम आदेश पारित किया। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, “प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता से वंचित होने की आशंका है।”