लोकसभा का अगला अध्यक्ष किस पार्टी से होगा इसे लेकर स्थिति लगभग साफ हो चुकी है। एनडीए के सहयोगी दलों ने बीजेपी को समर्थन दे दिया है। इससे साफ है कि लोकसभा अध्यक्ष का पद बीजेपी अपने पास रखेगी। विपक्षी दलों से भी इसे लेकर समर्थन मिल सकता है। हालांकि डिप्टी स्पीकर पद को लेकर थोड़ा टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है। विपक्षी दल इस बार संख्या के आधार पर डिप्टी स्पीकर पद को लेकर कोई समझौता करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं।

24 जून से शुरू हो रहा संसद सत्र

24 जून से संसद का सत्र शुरू हो रहा है। राजनाथ सिंह विपक्षी दलों के साथ सहमति बनाने की कोशिश में हैं। सरकार की पहली प्राथमिकता उन दलों को साथ लाने की है जिनके उसके रिश्ते पूर्व में बेहतर रहे हैं। इसके साथ ही जो दल इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं है, बीजेपी उन्हें भी साथ लाने की कोशिश कर रही है। बीजेपी की नजर फिलहाल बीजेडी, बीआरएस और वाईएसआरसीपी पर है।

क्या रही है परंपरा?

आम तौर पर परंपरा रही है कि सत्ताधारी दल स्पीकर का पद अपने पास रखता है जबकि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्षी दल के नेता को दिया जाता है। कई सालों से यह परंपरा जारी है। हालांकि पिछली सरकार में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष का पद भी पिछली सरकार में खाली रहा। विपक्ष इस बात को लेकर नाराज है। इस बार विपक्ष की कहना है कि उसके पास संख्या बल बेहतर है। ऐसे में वह किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।

इंडिया गठबंधन सहमति बनाने में जुटा

डिप्टी स्पीकर पद को लेकर विपक्ष सहमति बनाने में जुटा है। इंडिया गठबंधन में कई अनुभवी नेता है। ऐसे में इंडिया गठबंधन संसद सत्र से पहले बैठक बुलाने पर विचार कर रहा है। इस बैठक में डिप्टी स्पीकर पद के लिए किसी नेता के नाम पर सहमति बनाई जा सकती है।