देश में राजद्रोह कानून को लेकर बहस चलती रहती है। कई जानकारों का मानना है कि इस कानून को खत्म कर देना चाहिए। वहीं विपक्ष के कई बड़े नेता भी इस कानून के पक्ष में नहीं है और इसे खत्म करने की बात कहते हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी राजद्रोह कानून की उपयोगिता को लेकर बहस चल रही है। कई बार नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकारें राजद्रोह कानून का उपयोग विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए करतीं हैं। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने राजद्रोह कानून को खत्म करने की बात कही है।

न्यूज़ वेबसाइट द वायर के लिए करन थापर को दिए इंटरव्यू के दौरान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज दीपक गुप्ता ने राजद्रोह कानून पर अपनी राय व्यक्त की। दीपक गुप्ता ने कहा, “मेरी पहली प्राथमिकता देशद्रोह के कानून को तुरंत समाप्त करने की थी। वहीं मेरी दूसरी प्राथमिकता यह थी कि पुलिस को ये आरोप कैसे लागू करना चाहिए। इस बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश सुप्रीम कोर्ट दे। यह आवश्यक है कि इसे लागू करने से पहले ऐसा करने के निर्णय पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा इसकी प्रति पर हस्ताक्षर किया जाना चाहिए । मैं उम्मीद करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस तरह के दिशा-निर्देश जारी करेगा।”

रिटायर्ड जज दीपक गुप्ता ने आगे कहा, “लगभग 60 साल पहले 1962 में सुप्रीम कोर्ट ने केदार नाथ सिंह मामले में धारा 124A को हटा दिया था और अब यह केवल तभी लागू होता है जब हिंसा के लिए उकसाया जाता है। हिंसा के लिए उकसाने के बिना धारा 124A यानी देशद्रोह कानून का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। देशभर के मजिस्ट्रेट इससे अनजान हैं या इसे अनदेखा कर रहे हैं। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार इसकी पुष्टि की है और सुप्रीम कोर्ट की स्थिति के बारे में कोई संदेह या भ्रम नहीं हो सकता है।”

जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि इसका इस्तेमाल सरकारों द्वारा असहमति को रोकने के लिए नागरिकों में डर पैदा करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि कानून का व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जाता है और इसके दुरुपयोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

बता दें कि राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट में भी बहस चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने इसके सम्बन्ध में केंद्र सरकार से जवाब माँगा था। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने जवाब दाखिल कर कहा कि इस अच्छे कानून पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है और तीन जजों की बेंच इसपर सुनवाई नहीं कर सकती। इसलिए इसे बड़ी बेंच के पास भेजा जाना चाहिए।