डिजिटल इंडिया जैसी महत्वपूर्ण योजना को साकार करने के लिए बनी भारतनेट प्रोजेक्ट को सरकारी कंपनियों ने फेल कर दिया है। भारतनेट प्रोजेक्ट को पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी के लिए बनी संसदीय समिति ने बीएसएनएल और रेलटेल समेत तीन कंपनियों को नकारा माना है। साथ ही समिति ने यह भी माना है कि निजी कंपनियां इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में सरकारी कंपनियों की तुलना में अच्छा करती।

संसदीय स्थायी समिति ने लोकसभा में सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट भारतनेट को पूरा करने के लिए जिस तरह से तीन सरकारी कंपनियों ने काम किया है उससे पता चलता है कि उनके पास इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए योग्यता और संसाधनों का अभाव था। साथ ही समिति ने यह भी कहा है कि इस प्रोजेक्ट को दूसरी अन्य निजी एजेंसियों और वैश्विक कंपनियों बेहतर तरीके से पूरा कर सकती है।

भारतनेट प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार ने तीन कंपनियों को चुना था। जिसमें बीएसएनएल, रेलटेल और पावर ग्रिड कारपोरेशन को शामिल था। इस प्रोजेक्ट का मकसद पूरे देशभर के 2.50 लाख पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर के जरिए फ़ास्ट इंटरनेट पहुंचना था। इस ड्रीम प्रोजेक्ट को डिजिटल इंडिया का आधार माना गया था। संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि डिजिटल इंडिया की सफलता भारतनेट की सफलता निर्भर है।  

इस प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाना था। लेकिन पहले चरण में रेलेटेल ने बाकी दोनों कंपनियों की तुलना में बेहद ही ख़राब प्रदर्शन किया था। जिसके बाद भारतनेट के दूसरे फेज के लिए रेलटेल को हटा दिया गया। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट ने लिखा है कि खराब प्रदर्शन को देखते हुए रेलटेल को दूसरे फेज के तहत कोई काम आवंटित नहीं किया गया था। साथ ही कमिटी ने यह भी कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि बीएसएनएल और पावर ग्रिड कारपोरेशन दूसरे फेज में अच्छा प्रदर्शन करेगी।

बता दें कि साल 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि आने वाले 1000 दिनों में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा। साथ ही उन्होंने  यह भी कहा था कि 2014 से पहले, देश में केवल 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर केबल से जुड़ी थीं। पिछले पांच वर्षों में देश की लगभग 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया है। इसके अलावा उन्होंने डिजिटल इंडिया में ग्रामीण भारत और गांवों की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था कि हम इसे पूरा करने के लिए तेजी से अपने ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार करेंगे।