पूर्णबंदी में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर को राहत देने के लिए इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। एक जुलाई से नए नियम के तहत सभी एमएसएमई सेक्टर से जुड़े उद्यमियों को दोबारा से पंजीकरण कराना होगा। जनपद में एमएसएमई इकाईयों की संख्या करीब 20 हजार है।

एमएसएमई सेक्टर में आने वाली इकाईयों को निवेश और टर्नओवर के आधार पर चिन्हित किया गया है। नई परिभाषा के तहत ऐसा सूक्ष्म उद्यम जहां संयंत्र और मशीनरी में निवेश एक करोड़ रुपए से अधिक का नहीं है और टर्नओवर पाच करोड़ रुपए से अधिक नहीं है।

इसी तरह ऐसे उद्योग जिनका निवेश 10 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और टर्नओवर 50 करोड़ व जिनका निवेश (मशीनरी) 50 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है और टर्नओवर 250 करोड़ रुपए अधिक नहीं है। एमएसएमई सेक्टर की श्रेणी में है। इन स्लैब में आने वाली कंपनियों के उद्यमियों को अपना पंजीकरण नए सिरे से एक जुलाई को उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर कराना होगा। साथ ही 30 जून तक पंजीकृत सभी उद्यमियों को नए स्लैब के अनुसार ही वर्गीकृत किया जाएगा।

पंजीकरण कराने की प्रक्रिया
पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। पंजीकरण के लिए उद्यम राजिस्ट्रेशन पोर्टल पर फार्म मिलेगा। पंजीकरण आवेदन करने का कोई शुल्क नहीं है। इसके लिए आधार संख्या जरूरी होगी। कुछ दस्तावेज देने होंगे। कोई भी उद्यमी एक से अधिक उद्यम पंजीकृत नहीं करेगा।

एमएसएमई उद्योग के दायरे में
फूड प्रोडक्ट, ब्रिवरेज और तंबाकू से बने पदार्थ, टेक्सटाइल, जूट टेक्सटाइल, वूल और सिल्क सैंथेटिक प्रोडेक्ट, हौजरी एंड गारमेंट, टिंबर एंड वुड प्रोडेक्ट, पेपर, पेपर प्रोडेक्ट और प्रिटिंग, लेदर और लेदर प्रोडेक्ट, रबर प्लास्टिक और पेट्रोलियम, केमिकल एंड केमिकल्स प्रोडेक्ट, नॉन फीरियस मेटल, मेटर प्रोडेक्ट, मशिनरी और मशीन टूल्स, इलेक्ट्रिक मशीनरी अपलाईंसेस, ट्रांसपोर्ट इक्यूप्मेंट, इलेक्ट्रानिक इंडस्ट्री आदि।