पिछले दिनों आईसीएमआर ने कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्सिंग की स्टडी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। इस रिपोर्ट में काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए थे। सकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने दोनों वैक्सीन के मिक्स डोज का परीक्षण करने की इजाजत दे दी है। यह स्टडी वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में 300 लोगों पर की जाएगी। सरकार के द्वारा इजाजत दिए जाने के बाद कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के चेयरमैन सायरस पूनावाला ने कहा है कि यह बुरा विचार है।
पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में सायरस पूनावाला ने कहा कि दोनों टीकों को मिलाने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। अगर मिलाने के बाद गलत प्रभाव होते हैं तो दोनों टीका निर्माताओं के बीच विवाद उत्पन्न होगा। दोनों एक दूसरे पर दोषारोपण करेंगे और कहेंगे कि उनका अपना टीका ठीक है और दूसरे के टीके में समस्या है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से दोनों टीकों को मिलाना ठीक नहीं है और इस तरह का मिश्रण फील्ड ट्रायल के लिहाज से उचित नहीं है।
गौरतलब है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने 98 लोगों पर कोरोना टीका की मिक्स डोज का परीक्षण किया था। इसके नतीजे काफी सकारात्मक आए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि दोनों वैक्सीन की डोज के मिश्रण से इम्यूनिटी और एंटीबॉडी बढ़ती है और साथ ही कोरोना के दूसरे वैरिएंट्स से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि एक ही वैक्सीन की 2 डोज लेने वालों की तुलना में दो वैक्सीन की मिक्स डोज लेने वाले लोगों में ज्यादा एंटीबॉडी मौजूद थीं।
आईसीएमआर की रिपोर्ट सामने आने के बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भी दोनों वैक्सीन के मिश्रण पर स्टडी की इजाजत दे दी है। हालांकि यह स्टडी आईसीएमआर के द्वारा की गई स्टडी से अलग होगी। करीब 300 लोगों पर यह परीक्षण किया जाएगा। भारत के अलावा कई और देशों में भी दो अलग अलग वैक्सीन को मिक्स कर उसका परीक्षण करने की अनुमति दी गई है।
अमेरिका, यूके कनाडा, फ़्रांस, स्पेन सहित कई देश अपने यहां मिक्स वैक्सीन पर स्टडी करने की इजाजत दे चुके हैं। बता दें कि इस समय में भारत में टीकाकरण के लिए तीन वैक्सीन उपलब्ध है। हालांकि सरकार की तरफ से 5 वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है।
