हरियाणा में सरकार बनने की खबरों के साथ-साथ एक और शख्स है जिसके बारे में चर्चा काफी जोरों से है। दरअसल, विवादों से नाता रखने वाले गोपाल कांडा एक बार फिर से विधायक चुने गए हैं। वह अपनी ही एयरलाइंस कंपनी की एक एयरहोस्टेस की आत्महत्या के मामले में जेल की हवा खा चुके हैं। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। गोपाल कांडा एक न्यूज चैनल पर बहस  के दौरान उनपर लगे आरोपों को लेकर किए गए सवाल पर गोपाल कांडा भड़क गए और टीवी शो छोड़कर चले गए।

गोपाल कांडा ने सिरसा सीट से नामांकन दाखिल करते समय जो हलफनामा दिया है उसके मुताबिक, उनके खिलाफ चेक बाउंस का मामला दर्ज है। यही नहीं टैक्स चोरी, चिटिंग और साजिश (420 का मुकदमा) का भी मामला है। गोपाल कांडा पर आत्महत्या के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश और सबूतों से छेड़छाड़ संबंधी एफआईआर हैं।

2019 के हलफनामें में उन्होंने 65.5 करोड़ की चल और अचल संपत्ति की घोषणा की है। पत्नी के पास 30 करोड़ की संपत्ति बताई। इसके अलावा दोनों पर करीब 78 करोड़ रुपए की देनदारियां भी हैं।

जमानत पर बाहर आने के बाद 2014 में गोपाल कांडा ने अपने भाई गोविंद कांडा के साथ मिलकर हरियाणा लोकहित पार्टी बनाई और उस समय के विधानसभा चुनाव में उतरे लेकिन हार का सामना करना पड़ा। वहीं हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में दोनों भाइयों ने सिरसा और रानिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। गोपाल कांडा ने 602 वोटों से जीत दर्ज की है। जबकि उनके भाई को मात मिली है।