प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। यह किसानों के लिए राहत की खबर है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी है कि रबी 6 फसलों पर एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया गया है। MSP में 2% से लेकर 7% तक की बढ़ोतरी मंजूर की गई है। MSP में सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी मसूर दाल के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल, इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। गेहूं और कुसुम के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है। फिलहाल 2023-24 मार्केटिंग सत्र (अप्रैल-मार्च) के लिए गेहूं का एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं मुख्य रबी (सर्दियों) की फसल है और इसकी बुआई अक्टूबर में शुरू होती है जबकि कटाई अप्रैल से शुरू होती है। MSP वह न्यूनतम दर है जिस पर सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा अनाज खरीदा जाता है। कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सीसीईए ने 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए छह अनिवार्य रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।

अनुराग ठाकुर ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सीएसीपी (कृषि लागत और मूल्य आयोग) की सिफारिश के आधार पर हमने छह रबी फसलों के MSP में वृद्धि की है। गेहूं के एमएसपी में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए गेहूं का MSP 2023-24 में 2,125 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

गेहूं एमएसपी में वृद्धि प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले हुई है, जबकि गेहूं और गेहूं के आटे की उपभोक्ता कीमतें पिछले डेढ़ साल से दबाव में हैं। गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध मई 2022 से लागू है।