देश के पांच राज्यों में चुनाव का दौर चल रहा है। छत्तीसगढ़ में मतदान हो चुका है, वहीं मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में अभी मतदान होना है। ऐसे में पिछले कई दिनों से राजनैतिक गहमा-गहमी काफी तेज हो गई है, विभिन्न राजनेता इन चुनावों में व्यस्त हैं। खासकर लोकप्रिय और बड़े नेताओं की सक्रियता चुनावों में काफी बढ़ी हुई है। दरअसल इन नेताओं को अलग-अलग राज्यों में घूमकर पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करना पड़ रहा है। इसी चुनावी व्यस्तता के शिकार गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी हैं। राजनाथ सिंह इन चुनावों में खूब रैलियां कर रहे हैं। जिसके चलते वह मंत्रालय के काम पर भी पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। जिसके कारण महिला सुरक्षा को लेकर होने वाली एक अहम बैठक राजनाथ सिंह की चुनावी व्यस्तता के कारण नहीं हो पा रही है।

द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार, देश में महिला सुरक्षा को बेहतर करने के लिए बीते 24 अक्टूबर को एक GoM (Group of Ministers) का गठन किया गया था। इस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के अध्यक्ष राजनाथ सिंह हैं, वहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी इसकी सदस्य बनायी गई हैं। इस जीओएम की गठन के बाद से एक भी बैठक नहीं हो पायी है। दरअसल चुनाव के चलते राजनाथ सिंह और अन्य भाजपा नेता व्यस्त हैं, जिसके कारण इस मुद्दे पर बैठक अभी नहीं हो पायी है। गौरतलब है कि महिला सुरक्षा का अवलोकन करने और उसे सुधारने के लिए उपाय बताने के लिए GoM को सिर्फ 3 महीने की डेडलाइन मिली हुई है। ऐसे में कह सकते हैं कि अब जीओएम के पास काफी कम वक्त बचा है।

बता दें कि देश में महिला सुरक्षा का मुद्दा अक्सर चर्चा में रहता है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए समय-समय पर महिला सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जाती रही है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार भी बीते कुछ महीने पहले 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के आरोपी को फांसी की सजा देने के लिए अध्यादेश लायी थी। सरकार ने इस अध्यादेश में 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ बलात्कार करने पर सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल करने का प्रावधान भी किया था। अब सरकार महिला सुरक्षा को और भी ज्यादा पुख्ता करने के प्रावधानों पर चर्चा करेगी।