दिल्ली चुनाव हारने के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह कबूल किया कि चुनाव प्रचार के दौरान ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाकिस्तान’ जैसे भड़काऊ बयानों से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है। अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाऊ के कार्यक्रम में शाह ने ये बातें कहीं। हालांकि, शाह ने इस बात से साफ इनकार किया कि उनकी पार्टी के किसी भी नेता ने ये कहा कि शाहीनबाग में प्रदर्शन करने वाले लोग ही घरों में घुसकर बहू-बेटियों का बलात्कार करेंगे, जबकि सच्चाई इससे ठीक उलट है।
अमित शाह ने कार्यक्रम में कहा, “ऐसा बयान नहीं दिया किसी ने कि बहू-बेटियों का बलात्कार करेंगे, मगर बाकी सब जो आपने कहा वो भी बयान नहीं देने चाहिए। पार्टी ने तुरंत ही अपने आपको अलग किया है… हर स्तर के कार्यकर्ता चुनाव के मैदान में होते हैं। कोई कार्यकर्ता कुछ बोल जाता है, पर जनता को मालूम है कि पार्टी कौन है, पार्टी के ऑफिशियल प्रवक्ता होते हैं, पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड होता है, पार्टी के प्रस्थापित नेता होते हैं। अगर उनके बयान को नजरअंदाज करके कोई भी व्यक्ति बोलेगा…कोई छोटे व्यक्ति बोले हैं ये मेरा नहीं कहना है, परन्तु ये बीजेपी का नजरिया नहीं हो सकता।”
बता दें कि दिल्ली चुनाव प्रचार के बीच पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने 28 जनवरी को समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन चलता रहा तो दिल्ली को कश्मीर जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा। सांसद ने कहा था, यही प्रदर्शनकारी आपके घरों में घुसकर बहन-बेटियों का बलात्कार करेंगे।” बीजेपी सांसद के इस बयान के बाद खूब हंगामा मचा था। इससे एक दिन पहले एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भीड़ से नारे लगवाए थे। मंत्री ने कहा था, ‘देश के गद्दारों को’ तो भीड़ ने कहा था, ‘गोली मारो सालों को।’