Godhra Train Burning Case: गुजरात हाई कोर्ट ने गुरुवार को फारुक मोहम्मद भाना की अस्थायी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। भाना गोधरा ट्रेन अग्निकांड में अपनी संलिप्तता को लेकर आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। फारुक मोहम्मद भाना 27 फरवरी, 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक है। गोधरा कांड में 59 लोग मारे गए थे।

फारुक मोहम्मद भाना ने अस्थायी जमानत याचिका की मांग को लेकर गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा घटघटाया था। भाना ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके पिता 95 साल के हैं। वो बीमार हैं, ऐसी स्थिति में उसे अपने पिता की चिकित्सा देखभाल करनी है।

जस्टिस संजीव जे ठाकुर ने जमानत देने से इनकार कर दिया। ठाकुर ने कहा कि उसके परिवार में अन्य सदस्य भी हैं जो उसके बीमार पिता की देखभाल कर सकते हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि भाना को हाल ही में 8 दिनों की अवधि के लिए जमानत दी गई थी। इन बिंदुओं को मद्देनजर रखते हुए कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने 7 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि जेल की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि आवेदक को आईपीसी की धारा 302 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस तथ्य पर विचार करने के बाद कि परिवार के अन्य सदस्य हैं, जो आवेदक के पिता की देखभाल कर सकते हैं और चूंकि आवेदक को हाल ही में अस्थायी जमानत दी गई है, इसलिए कोई मामला नहीं बनता है और इसलिए वर्तमान आवेदन तदनुसार खारिज कर दिया जाता है।’

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भाना के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल अपने 95 वर्षीय पिता के इलाज के लिए अस्थायी जमानत की मांग कर रहे हैं, जो डायस्टोलिक डिस्फंक्शन से पीड़ित हैं और किडनी से संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं।

राज्य सरकार की ओर से उपस्थित वकील ने भाना की याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि परिवार के अन्य सदस्य भी हैं, जो भाना के पिता की देखभाल कर सकते हैं और हाल ही में भाना को 8 दिनों की अवधि के लिए जमानत दी गई है।

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भाना को 14 साल तक फरार रहने के बाद 2016 में आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गिरफ्तार किया था। उस पर अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को जलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।

एटीएस अधिकारियों के अनुसार , गोधरा में पार्षद के रूप में काम कर रहा भाना अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई चला गया था। बता दें, गोधरा ट्रेन अग्निकांड के कारण गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे, जिसमें लगभग 2,000 लोग मारे गए थे।