चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा गोवा सहित नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा के एक दिन बाद, गोवा कांग्रेस इकाई ने राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों के “बड़े पैमाने पर” तबादलों पर कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी का कहना है कि ये तबादले चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं।

गोवा सरकार ने सोमवार को गोवा सिविल सेवा के 34 जूनियर स्केल अधिकारियों का तबादला किया। सरकारी अधिकारियों ने इसे “नियमित प्रक्रिया” बताया और कहा कि कुछ अधिकारी नियुक्ति की प्रतीक्षा में थे।

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने भेजा पत्र

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने मंगलवार को गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि चुनावी प्रक्रिया से सीधे जुड़े कई डिप्टी कलेक्टर, मुख्य अधिकारी और अन्य प्रमुख अधिकारियों का तबादला किया गया है। इनमें से अधिकतर अधिकारी एसआईआर के संचालन में शामिल हैं या होने वाले हैं, जो चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत पहले से ही जारी है। एसआईआर की घोषणा के बाद किए गए ऐसे सामूहिक तबादले चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन हैं, क्योंकि आयोग की पूर्व स्वीकृति के बिना चुनावी कार्यों से जुड़े अधिकारियों का तबादला नहीं किया जा सकता।”

पाटकर ने आगे कहा, “हम आपसे अनुरोध करते हैं कि चुनाव आयोग के मानदंडों का पालन सुनिश्चित किया जाए और राज्य सरकार द्वारा किए गए इन अनियमित तबादलों को रद्द किया जाए। गोवा में चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता हर हाल में बनाए रखी जानी चाहिए।”

दूसरे चरण में 12 राज्यों की वोटर लिस्ट का होगा SIR, तीन बार आपके घर आएगा BLO

इससे पहले मंगलवार को गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय गोयल ने एसआईआर की तैयारियों पर चर्चा के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। गोयल ने बताया कि तबादला किए गए कुछ अधिकारियों में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) भी शामिल हैं। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हम इस मुद्दे को राज्य सरकार के समक्ष उठाएंगे।”

वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यह चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को और मजबूत करेगा। सावंत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “एक स्वच्छ और पारदर्शी मतदाता सूची लोकतंत्र की नींव है। हम हमेशा सटीक और अप मतदाता सूचियों के पक्षधर रहे हैं, जिनमें केवल वास्तविक और पात्र मतदाता शामिल हों। यह अभियान विसंगतियों की पहचान कर उन्हें दूर करने, अयोग्य प्रविष्टियों (जैसे अवैध मतदाता या अप्रवासी) को हटाने और चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को और सुदृढ़ करने में मदद करेगा।”