गोवा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है। पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको ने सोमवार को विधानसभा से इस्तीफा दे दिया, जिससे 40 सदस्यीय सदन में पार्टी विधायकों की संख्या घटकर दो रह गई है। एएनआई की खबर के मुताबिक देर शाम लौरेंको कोलकाता पहुंच गए। माना जा रहा है कि मंगलवार को वह अभिषेक बनर्जी से मुलाकात कर तृणमूल का दामन थामने वाले हैं।

बीते दिन ही कांग्रेस ने गोवा फारवर्ड पार्टी से गठबंधन किया था। लेकिन पार्टी के लिए फिलहाल अपना घर बचाना ही मुश्किल हो रहा है। इससे पहले जीएफपी ने भाजपा के साथ सत्ता में भागीदारी की थी। लेकिन तीन विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के बाद समर्थन वापस ले लिया था। माना जा रहा था कि गोवा फारवर्ड पार्टी से गठबंधन के बाद पार्टी को सूबे में मजबूती मिलेगी पर ऐसा लग नहीं रहा है।

राज्य में हाल ही में कांग्रेस के दो और विधायकों ने इस्तीफा दिया था। प्रदेश में अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। खास बात है कि कांग्रेस ने आगामी राज्य विधानसभा चुनाव के लिए आठ उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची पिछले ही सप्ताह जारी की थी और लौरेंको का नाम उसमें शमिल था।

दक्षिण गोवा जिले के कर्टोरिम सीट से विधायक लौरेंको ने सोमवार दोपहर विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय को अपना इस्तीफा सौंपा। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बाद में कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया। लौरेंको इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए।

इस महीने की शुरुआत में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री रवि नाइक ने भी कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। कुछ महीने पहले पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो ने भी कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। गोवा में कांग्रेस के केवल दो विधायक ही बचे हैं। इनमें पूर्व सीएम प्रताप सिंह राने और नेता विपक्ष दिगंबर कामत शामिल हैं।

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस ने गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। ममता के नेतृत्व में संगठन तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इसमें कांग्रेस नेताओं को तोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। हालांकि, ममता की पार्टी ने शरद पवार को भी नहीं बख्शा। उनके एकमात्र विधायक ने अपनी विधायकी को बताने के लिए पार्टी को ही तृणमूल में मर्ज करा दिया था।