गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि भगवान राम की मदद हमेशा निचली जाति के लोगों ने की थी। वनवास के दौरान केवट और शबरी ने उनका साथ दिया। सीता की खोज के लिए राम के साथ जंगल के आदिवासी और निचली जाति के लोग गए थे। जब वह सीता को वापस लाने के लिए रावण से युद्ध कर रहे थे, तब ऊंची जाति के किसी व्यक्ति ने उनकी मदद नहीं की थी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए जब ट्रस्ट का गठन किया जाएगा, तब वह मंदिर के दरबार हाल में भगवान राम के बगल में केवट और शबरी की मूर्ति स्थापित करने के लिए पैरवी करेंगे।
आदिवासी स्टूडेंट्स कांफ्रेंस में कही यह बात : राज्यपाल मलिक गोवा के राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से भाषण दे रहे थे। राजधानी पणजी से 35 किलोमीटर दूर दक्षिण गोवा के पोंडा शहर में गुरुवार को दूसरे आदिवासी स्टूडेंट्स कांफ्रेंस के दौरान अपने भाषण में उन्होंने कहा, “अयोध्या में भगवान राम के लिए भव्य मंदिर बनाए जाने की चर्चा पूरे देश में हो रही है। एक भव्य राम मंदिर बनाया भी जाएगा। मैं हर दिन ऊंची रैंक वाले संतों और महंतों के भाषण सुनता हूं। वे जब भी अपना दृष्टिकोण बताते हैं, वे रामलला की मूर्ति और राम दरबार के बारे में बोलते हैं।”
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Satya Pal Malik, Governor of Goa: The whole country is talking about the construction of temple in Ayodhya, that a grand Ram temple will be constructed. But I think there is no one who has asked for space to be allotted to people who helped Lord Ram in his journey. (21.11) pic.twitter.com/LKrJR8F9eX
— ANI (@ANI) November 22, 2019
कहा कि ऊंची जाति ने नहीं की राम की मदद : उन्होंने कहा, “केवट और शबरी की मूर्ति के बारे में कोई नहीं बोलता है. जब राम की पत्नी और माता सीता का अपहरण हुआ था, तब राम के भाई अयोध्या के राजा थे, तब अयोध्या से एक भी सैनिक, एक भी व्यक्ति उनकी (राम) मदद के लिए नहीं आया था. जब वह (राम) श्रीलंका के लिए निकले थे, तब उनके साथ आदिवासी, और सिर्फ निचली जाति के लोग थे। उन्होंने समारोह में पूछा, “क्या कोई मुझे बता सकता है कि ऊंची जाति के किसी भी व्यक्ति ने उनके साथ लड़ाई में मदद की थी?”
हाल ही में गोवा के राज्यपाल बने हैं मलिक : राज्यपाल सत्यपाल मलिक गोवा में पदभार संभालने से पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। हाल ही में उनको गोवा भेजा गया है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण की पहल तेज हो गई है। ऐसे में आदिवासी स्टूडेंट्स कांफ्रेंस में गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का केवट और शबरी की मूर्ति स्थापित करवाने की पैरवी करने की बात महत्वपूर्ण मानी जा रही है।