वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 के लिए उसका आकलन 7.5% वृद्धि रहने का है। इसकी वजह जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होना है। मूडीज का कहना है, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं जो वर्ष 2016 में नोटबंदी के निर्णय से नकारात्मक तौर पर प्रभावित हुई थी और पिछले साल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू किए जाने से उसकी वृद्धि में बाधा आई थी।’’ इसके अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रस्तावित बजट में कुछ कदम उठाए गए हैं जो आर्थिक अर्थव्यवस्था को स्थिरता दे सकते हैं। नोटबंदी से सबसे ज्यादा यही क्षेत्र प्रभावित हुआ था जिसका अभी भी उबरना बाकी है।

मूडीज ने कहा, ‘‘जैसा हमने पहले कहा था कि बैंकों में फिर से पूंजी डालने की योजना से एक समय के बाद ऋण वृद्धि में मदद मिलेगी और यह आर्थिक वृद्धि को सहारा देगा।’’ उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को भारत-कोरिया व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि नीतिगत बदलावों तथा साथ में अनुकूल वैश्विक वातावरण के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में 7-8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है। जेटली ने कहा कि अगले 10 से 20 साल तक भारत दुनिया की सबसे तेज वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने पिछले कुछ साल के दौरान दिखाया है कि प्रतिकूल वैश्विक माहौल में भी, खुद में सुधार करने की क्षमता के जरिए जरूरी होने पर कठिन फैसले लिए जा सकते हैं और ऊंची वृद्धि की रफ्तार को कायम रखा जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत अपने आर्थिक फैसलों को राजनीतिक स्वीकार्यता के साथ इस हद तक मिलाने में सफल रहा है कि आज लोग चाहते हैं कि भारत सुधार करे और अधिक तेजी से आगे बढ़े।

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में ज्यादातर लोगों का मानना है कि 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर सामान्य चीज है, लेकिन जब भारत इससे आगे निकलेगा तभी उसकी वास्तविक क्षमता दिखेगी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक खुली है, वैश्विक रूप से यह एकीकृत हुई है। इसने अपने ज्यादातर क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया है। निवेश की प्रक्रिया को बेहद सरल किया गया है।