Global Millets Conference: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि मोटा अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ खान-पान संबंधी आदतों से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकता है। पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि 2.5 करोड़ छोटे किसान सीधे तौर पर बाजरा से जुड़े हैं। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से पोषक अनाज की हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करने को कहा।

पीएम मोदी ‘ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन’ का उद्घाटन करने के दौरान बोल रहे थे। इस दौरान उन्होने कहा कि यह देश के लिए बड़े सम्मान की बात है कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ घोषित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने और क्या कहा?

पीएम मोदी ने कहा कि भारत बाजरा या श्री अन्ना को वैश्विक आंदोलन के रूप में बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है। इस बात पर जोर देते हुए कि बाजरा प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में और रसायनों और उर्वरकों के बिना आसानी से उगाया जा सकता है, प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत के बाजरा मिशन से देश के 2.5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया और नई दिल्ली के पूसा में ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन में बाजरा 2023 के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के आधिकारिक सिक्के का अनावरण किया। 

इस पोषक अनाज के महत्व को स्वीकार करते हुए और लोगों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के संकल्प की अगुवाई की है।

पीएम मोदी ने कहा कि देश के 19 जिलों में एक जनपद एक उत्पाद योजना के लिए भी मोटे अनाज का चयन किया गया है। भारत वर्तमान में G20 की अध्यक्षता कर रहा है। इसका आदर्श वाक्य ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ भी अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष में परिलक्षित होता है। बाजरा नए रोजगार भी सृजित कर रहा है।