कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पीएम नरेंद्र मोदी पर संसद का अपमान करने का आरोप लगाया। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए मंगलवार (29 नवंबर) को आजाद ने कहा, ‘उन्होंने आज बीजेपी सांसदों को संबोधित किया। वह हर मंगलवार को उनसे मिलते हैं। सदन के बाहर भी वह लगातार बात करते हैं। लेकिन सदन में आकर वह नहीं बोलते। यह चौंकाने वाली बात है। अपने इतने लंबे राजनीतिक करियर में मैंने 11 प्रधानमंत्रियों को देखा और उनके साथ काम किया। मैं चार बार प्रधानमंत्री के साथ केंद्र मंत्री भी रहा। लेकिन मैंने संसद का इस तरह अपमान करने वाला नहीं देखा।’
आजाद ने कहा कि पहले के प्रधानमंत्री संसद में आते थे और कार्यवाही में हिस्सा लेते थे। उन्होंने कहा, ‘कोई घंटो बाद आ जाता था तो कोई अगले दिन आ जाता था लेकिन इस बार विपक्ष पिछले कई दिनों से उनको बुला रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ कर चुके हैं कि वह संसद में आना ही नहीं चाहते। ऐसा लगता है कि उन्होंने इसे अपने सम्मान से जोड़कर देख लिया है। इस तरह का रवैया ठीक नहीं है।’
गौरतलब है कि 8 नवंबर को आए नोटबंदी के निर्णय के बाद से कांग्रेस पार्टी इसके विरोध में है। पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ को ‘कालाधन धारक कल्याण योजना’ कहा था। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने कालेधन पर बने नए कानून को ‘क्रेकजैक और 50-50’ करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन लोगों को 50 प्रतिशत काला धन ले जाने का मौका दिया है जिन्होंने बड़ी मात्रा में काला धन छिपा रखा है।
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में संसोधित इनकम टैक्स बिल पास करवाया गया है। नए बिल के जरिए सरकार अघोषित नकदी पर ज्यादा जुर्माना और टैक्स लगाएगी। 30 दिसंबर तक अघोषित पुराने नोटों में नकदी बारे में स्वेच्छा से घोषणा पर 50 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। कर अधिकारियों द्वारा पता लगाने पर अघोषित संपत्ति पर उच्चतम 85 प्रतिशत तक कर लगाया जा सकता है।