बिहार के पटना से पीएफआई से जुड़े 5 संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। पीएफआई मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन 2047’ पर काम कर रहा है, इस साजिश का खुलासा पुलिस ने किया है। वहीं, इस मुद्दे को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है जबकि टीवी डिबेट्स के दौरान भी इस मुद्दे पर तीखी बहस देखने को मिल रही है। ‘गजवा ए हिंद का मंसूबा और 2023 में डायरेक्ट जिहाद’ को लेकर पुलिस के सनसनीखेज खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामिक स्कॉलर रिजवान अहमद ने कहा कि वे तारेक फतेह के ‘गजवा-ए-हिंद’ की थ्योरी से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।

इंडिया टीवी पर डिबेट के दौरान, रिजवान अहमद ने कहा, “गजवा-ए-हिंद 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है, अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक, अगर श्रीलंका और नेपाल मैं हटा दूं तो लगभग 70 लाख वर्ग किमी का ये एरिया है। इसमें साढ़े छह अफगानिस्तान, साढ़े आठ पाकिस्तान, दो निकल गया बाग्लादेश का और 19 निकल गए इंडोनेशिया के… ये पुराने केवल एक हजार साल की बात कर रहा हूं।”

रिजवान अहमद ने कहा, “अब भारत के पास कितना बचा 33 लाख वर्ग किमी… ये आज की तारीख में है। तो 52 फीसदी गजवा-ए-हिंद तो हो गया। ये लोग चक्कर में क्यों पड़े हैं कि कब होगा। तरीके बदलते रहते हैं लेकिन ‘गजवा-ए-हिंद’ एक हजार साल से जारी है और अब इसका तरीका बदलेगा। अब आने वाले वक्त में पॉलिटिकल बैलेट की लड़ाई होगी।’

उन्होंने आगे कहा, “2050 तक इस देश में मुस्लिम आबादी 25 फीसदी होगी लेकिन कई राज्यों में मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए ये 25 फीसदी आबादी काफी होगी। जब ये बढ़कर 28-29 फीसदी की तरफ जाएगी तो आने वाले 50-60 साल में देश का पीएम मुसलमान होगा। इसको भी आप ‘गजवा-ए-हिंद’ मानकर चलिए।”

इस पर राजनीतिक विश्लेषक संगीत रागी ने कहा, “मैं इस देश के हिंदुओं को बार-बार कह रहा हूं कि आप अपनी गर्दन को शुतुरमुर्ग की तरह जमीन में छिपा दें तो खतरा टलेगा नहीं। 200 ऐसे जिले हैं देश में जो मुस्लिम बहुल हो चुके हैं। जब देश में मुसलमानों की आबादी 23 फीसदी थी, जब इस देश पर बंटवारा थोप दिया गया था।”