दिल्ली एनसीअसर में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होना शुरू हो गया है। एक अक्टूबर को ग्रैप लागू होने के बाद पहली बार पूर्वानुमान में प्रदूषण का स्तर खराब होने की आशंका जताई जा रही है। इसके चलते अब ग्रैप के पहले फेज को कभी भी लागू किया जा सकता है। संभावना है कि यह बुधवार देर शाम या गुरुवार सुबह लागू किया जा सकता है।
आईआईटीएम पुणे के पूर्वानुमान के अनुसार 4 और 5 अक्टूबर को प्रदूषण का स्तर सामान्य स्थिति में रहेगा। इसके बाद 6 और 7 अक्टूबर को प्रदूषण का स्तर खराब रहेगा। इसके बाद अगले छह दिनों के लिए आउटलुक में प्रदूषण का स्तर सामान्य से खराब रहने की संभावना जताई गई है। पूर्वानुमान के अनुसार गैप के विभिन्न फेजों को 72 घंटे पहले लागू किया जाना है।
प्रदूषण की स्थिति राजधानी और एनसीआर में खराब हो रही है। सीपीसीबी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का औसतन एक्यूआई 176 रहा। फरीदाबाद में यह 155, गाजियाबाद में 180, ग्रेटर नोएडा में 220, गुरुग्राम में 233 और नोएडा में 145 रहा। एनसीआर के दो शहर खराब स्तर पर दर्ज हुए।
दिल्ली की बात करें तो दिल्ली के मुंडका में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया है। यहां का एक्यूआई 357 पर पहुंच गया है। इसके अलावा शादीपुर का 274, एनएसआइटी (द्वारका) का 220, वजीरपुर का 219, बवाना का 216, पूसा का 214 और इहबास का (दिलशाद गार्डन) का 257 रहा। वहीं अशोक विहार का महज 94 और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का 97 रहा।
प्रथम चरण में लगने वाली पाबंदिया
निर्माण और तोड़फोड़ साइटों पर नियमों का पूरी तरह पालन होगा। सड़कों की सफाई मशीनों से होगी, पानी का छिड़काव भी होगा। ट्रैफिक के हॉट स्पॉट पर जाम न लगे इसके लिए चयनित कॉरिडोर और इंटरसेक्शन पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे। गाड़ियों के पीयूसी नियमों का सख्ती से पालन होगा। जिन ट्रकों की मंजिल दिल्ली नहीं है उन्हें ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल रोड पर डायवर्ट कर दिया जाएगा।अपनी लाइफ पूरी कर चुकी पेट्रोल और डीजल की गाड़ियां जब्त होंगी। जो इंडस्ट्री प्रदूषण नियमों का पालन नहीं करेगी उस पर कानूनी कार्रवाई होगी।पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। बिजली आपूर्ति नियमित रहेगी। रेहस्टोरेंट, होटल और भोजनालयों में तंदूर, लकड़ी और कोयले का इस्तेमाल नहीं होगा।
राजधानी दिल्ली में इस बार प्रदूषण का मौसम कुछ जल्दी शुरू होता दिखाई दे रहा है। आम तौर पर प्रदूषण का मौसम 15 अक्टूबर के बाद शुरू होता है। इस बार इसके 6 अक्टूबर से शुरू होने का पूर्वानुमान है। इसकी वजह यह है कि हवाओं की दिशा बदल गई है। पराली भी इस बार पिछले दो सालों की अपेक्षा अधिक जल रही है।
इस बीच अभी तक सफर ( सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) का पराली प्रदूषण का आकलन शुरू नहीं हुआ है। जानकारी के अनुसार 10 अक्टूबर के आसपास शुरू होगा। वहीं दिल्ली में प्रदूषण के विभिन्न सोर्स के अलावा पड़ोस के 19 शहरों से आ रहे प्रदूषण की जानकारी देने वाला डीएसएस ( डिशिजन सपोर्ट सिस्टम ) ने भी अभी काम शुरू नहीं किया है। हर साल यह सितंबर से ही काम शुरू कर देता है। यह कब से शुरू होगा इसके बारे में अधिकारी बताने को तैयार नहीं है।
दिल्ली एनसीआर देश का सबसे प्रदूषित हिस्स है।इसके बाद बिहार का नम्बर आता है। एनसीआर के पांच शहर दिल्ली,फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ प्रदूषित हैं। इस बात का दाबा रिस्पेयरर लिविंग सांसेज की एक रिपोर्ट में किया गया है। यह रिपोर्ट एक अक्टूबर 2022 से 30 सितंबर 2023 के प्रदूषण के आकलन के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर सबसे अधिक100.1 एमजीसीएम रहा।
यह सीपीसीबी ( केंद्रीय प्रदूषण नियंण बोर्ड) के अच्छे स्तर की हवा से 3.3 गुना अधिक है और डब्ल्यूएचओ के मानकों से 20 गुना अधिक है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार दिल्ली के प्रदूषण स्तर में 4 प्रतिशत का सुधार आया है। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद में 25 प्रतिशत, फरीदाबाद और नोएडा में 12 प्रतिशत और मेरठ में 11 प्रतिशत प्रदूषण कम हुआ है।