पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत एक और पड़ोसी देश चीन के साथ अपनी सीमाओं को सुरक्षित बनाने के काम में जुटा हुआ है। पूर्वी लद्दाख में Line of Actual Control (LAC) पर भारत कई बड़े कदम उठाने जा रहा है। इसमें पेट्रोलिंग पॉइंट्स की जियो टैगिंग (Geotagging) करना सहित कई बड़े कदम शामिल हैं।

जियो टैगिंग करने के बाद भारत के जवानों को LAC पर पेट्रोलिंग करने में मदद मिलेगी। पिछले छह महीनों में भारत ने सीमा पर निगरानी बढ़ाई है, ​​नियमित पेट्रोलिंग के साथ ही भारत और चीन के कमांडरों के बीच लगातार बातचीत भी हुई है।

गलवान घाटी में हुई थी हिंसक झड़प

याद दिलाना होगा कि साल 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी और इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब हो गए थे। इसके बाद दोनों देशों के टॉप कमांडर्स के बीच लगातार बातचीत का दौर चला और पिछले साल 21 अक्टूबर को पेट्रोलिंग के मामले में दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ था। इस बारे में भारत की ओर से ही घोषणा की गई थी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से रूस के कज़ान में ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी।

The Indian Express के मुताबिक, बीते साल अक्टूबर में दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। दोनों देशों के अफसरों ने एक-दूसरे को मिठाई भी दी थी। तब भारत की सेना ने पूर्वी लद्दाख के डेपसांग में पांच पेट्रोलिंग बिंदुओं में से एक पर पेट्रोलिंग की थी। बताना होगा कि LAC को लेकर भारत और चीन के अलग-अलग तर्क हैं।

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पेट्रोलिंग की योजना की जाएगी साझा

सूत्रों के मुताबिक, सैनिकों के बीच किसी तरह के टकराव से बचने के लिए दोनों पक्षों के बीच पेट्रोलिंग की योजना को पहले ही साझा कर लिया जाएगा। भारतीय सैनिकों को इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा बॉर्डर पर तैनात सेना की टुकड़ियों के कमांडिंग अफसर और ब्रिगेड कमांडर भी इस मामले में चीन के साथ बातचीत करेंगे और अगर ज्यादा जरूरत हुई तो सेना में मेजर जनरल या उससे ऊपर के रैंक के अफसर चीनी समकक्षों के साथ बातचीत करेंगे।

निश्चित रूप से पेट्रोलिंग पॉइंट्स की जियोटैगिंग होने से LAC के सीमांकन में मदद मिलेगी। इसके लिए LAC पर कई तरह के कैमरे भी लगाए गए हैं और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर लगातार उड़ान भर रहे हैं। LAC की बेहतर ढंग से निगरानी के लिए सेना ने पिछले महीनों में कई नए ड्रोन खरीदे हैं। इससे बॉर्डर पर संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी के मामले में सेना को मदद मिलेगी।

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