पाकिस्तान की संसद में एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं। आखिरकार पाकिस्तान ने कबूल कर लिया है कि पुलवामा के आतंकी हमले में उसी का हाथ था। वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज के नेता अयाज सादिक ने यह भी बता दिया कि अभिनंदन को भारत वापस भेजने से पहले पाकिस्तानी नेताओं और आर्मी चीफ की हालत खराब हो गई थी। उन्हें डर था कि अगर ऐसा नहीं किया तो रात 9 बजे भारत हमला कर देगा।

एक टीवी कार्यक्रम में रक्षा मामलों के जानकार मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी ने बताया कि आखिर इमरान पाकिस्तान से इतना क्यों डरते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने 1971 का युद्ध देखा है। यह सबसे बड़ा मास सरेंडर था। मैंने देखा कि कैसे किसी देश को 14 दिनों में दो हिस्सों में बांट दिया गया। दुसरे विश्वयुद्ध के बाद यह बहुत बड़ा सरेंडर था। हमारी तीन टुकड़ियां पूर्वी पाकिस्तान में 115 किलोमीटर अंदर घुस गईं और ढाका पर कब्जा कर लिया।’

उन्होंने कहा, ‘पूर्वी पाकिस्तान के आखिरी गवर्नर जनरल नियाजी उस समय बच्चों की तरह रोने लगे। सादिक मलिक नियाजी के पीआरओ थे। उन्होंने कहा, रोइए नहीं नागरिक देख रहे हैं। इस पर नियाजी ने कहा, हरामजादों ने मरा दिया। उनको भी पसीना आ रहा था और पैर कांप रहे थे। यही वजह है कि उन्हें पुरानी बातें याद आ जाती हैं और वे कांपने लगते हैं।’

पाकिस्तानी संसद में कल विपक्ष के नेता सादिक ने बताया कि अभिनंदन के मामले में जब विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सामने आए तो उनके माथे पर पसीना था औऱ पैर कांप रहे थे। उन्होंने कहा कि खुदा का वास्ता इसे जाने दें, क्योंकि हिंदुस्तान रात 9 बजे पाकिस्तान पर हमला करने वाला है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक उस वक्त विपक्ष ने भी अभिनंदन को छोड़ने के फैसले का स्वागत किया था।


साल 2019 में 14 फरवीर को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में कई भारतीय जवानों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की और आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया। इसपर बौखलाए पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की औऱ भारतीय वायुसेना ने पाक के विमानों को उल्टे पैर भागने पर मजबूर कर दिया। इसी बीच पाक के एफ 16 का पीछ करते हुए विंग कमांडर अभिनंदन पाक सीमा में पहुंच गए और उन्हें पाकिस्तान ने पकड़ लिया। बाद में डर के मारे पाक ने अभिनंदन को फिर भारत के हवाले कर दिया।