अरविंद कुमार व एजंसियां

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शनिवार को फावड़े से गंगा नदी के घाटों के आसपास जमा गाद निकाल कर वहां ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की और उत्तर प्रदेश में अपने इस महत्त्वाकांक्षी अभियान को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत नौ लोगों को नामित किया।

केंद्र में सत्ता संभालने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र के पहले दो दिवसीय अति व्यस्त दौरे को समेटते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी के सबसे प्राचीन अस्सी घाट पर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। वे सुबह दो घंटे विलंब से लगभग नौ बजे यहां पहुंचे जहां महापौर रामगोपाल मोहले ने उनकी अगवानी की। मोदी ने यहां गंगा पूजन और आरती के बाद गंगा स्वच्छता मिशन की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने यहां घाट पर जम कर फावड़ा चलाया और जमी गाद को निकाला। करीब 15 मिनट तक फावड़े से गाद निकालने के बाद प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश और विशेषकर वाराणसी में स्वच्छता अभियान के प्रसार की अपनी योजनाओं को लोगों से साझा किया। उनके साथ नगर आयुक्त उमाकांत, अभियंता एसके सिंह, विधायक रवींद्र जायसवाल और गंगा क्षेत्र के रहने वाले नागरिकों ने भी मिट्टी हटाकर श्रमदान किया।

प्रधीानमंत्री ने कहा- मैं यहां काशी के लोगों को यह समझाने आया हूं कि वे गंगा के घाटों से गंदगी हटाने में सक्रिय भागीदारी करें। सामाजिक संगठनों ने मुझे आश्वासन दिया है कि एक महीने में सभी घाट एकदम स्वच्छ हो जाएंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि ये शब्द हकीकत में बदलेंगे।

वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से बातचीत में मोदी ने कहा कि दिल्ली में गांधी जयंती के मौके पर शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान की तरह ही वे राज्य में इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश की नौ जानी मानी हस्तियों को नामित कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा मोदी ने जिन अन्य लोगों को नामित किया है उनमें भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता मनोज तिवारी, सूफी गायक कैलाश खेर, कामेडियन राजू श्रीवास्तव, क्रिकेटर मोहम्मद कैफ और सुरेश रैना, चित्रकूट में नेत्रहीनों के विश्वविद्यालय के संस्थापक व चांसलर स्वामी राम भद्राचार्य, प्रख्यात संस्कृत विद्वान देवी प्रसाद द्विवेदी और लेखक मनु शर्मा शामिल हैं जिन्हें खासतौर से उनकी किताब ‘कृष्ण की आत्मकथा’ के लिए जाना जाता है।

प्रधानमंत्री अस्सी घाट से मां श्री आनंदमयी के अनुयायियों द्वारा स्थापित आश्रम में गए। वहां उन्होंने 20वीं सदी के संत की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और परिसर के भीतर स्थित एक चैरिटेबल अस्पताल का दौरा किया। बाद में प्रधानमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

मोदी ने इससे पहले शुक्रवार रात को शहर के गेटवे होटल में बुद्धिजीवियों से रात्रिभोज पर हुई मुलाकात में उन्हें आश्वासन दिया कि वाराणसी की पारंपरिक खूशबू व गरिमा को यथावत बनाए रखते हुए इसे एक आधुनिक शहर में परिवर्तित किया जाएगा, जैसा कि पूरी दुनिया ने लंदन के मामले में देखा है और जैसा कि हमने भूकम्प पीड़ित भुज में सफलतापूर्वक किया जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। इसके साथ ही उन्होंने इस प्राचीन शहर के आधुनिकीकरण के लिए अपनी कई योजनाओं को भी साझा किया जिनमें बैटरी चालित कारों का सार्वजनिक परिवहन के रूप में इस्तेमाल, घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करना और अयोध्या व प्रयाग होते हुए दिल्ली से वाराणसी के लिए एक ‘पैलेस आन व्हील्स’ ट्रेन चलाना शामिल है। उन्होंने कहा कि बीएचयू को वाइ फाइ विश्वविद्यालय बनाना, इसका आधुनिकीकरण करना और इसे विश्व में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल करना उनकी प्राथमिकता होगी।

प्रधानमंत्री ने संपर्क और संवाद के आधुनिक तरीकों पर चर्चा करते हुए कहा कि स्वच्छता अभियान के लिए उन्हें सबसे ज्यादा प्रेरणा महात्मा गांधी से मिली। उन्होंने खुशी जताई कि इस बारे में जागरूकता बढ़ रही है और ऐसा वातावरण बन रहा है कि लोग गंदगी से घृणा करना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा छह महीने के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि देश जैसा आज है, वैसा ही बना रहे। समूचा विश्व आज भारत की ओर देख रहा है।