India-China Border standoff: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ जारी तनाव का हल निकलना मुश्किल लग रहा है। दरअसल ड्रैगन के इरादे यहां सही नजर नहीं आ रहे हैं और चीनी सैनिकों ने लंबी वार्ता के बाद जहां से अपना टेंट हटाया था, एक बार फिर से वहीं आ डटे हैं। सोमवार को कमांडर लेवल की बातचीत के बाद तनाव कम करने पर सहमति बनी थी, लेकिन एक बार फिर से चीनी सैनिक पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर आ डटे हैं। सैटलाइट इमेज में यह बात सामने आई है। इसके अलावा इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि सैनिकों ने भी चीनी सेना के दोबारा डट जाने की पुष्टि की है।

सूत्रों के मुताबिक वार्ता में कोई ठोस परिणाम न निकलने के बाद चीन ने एक बार फिर से टेंट स्थापित कर लिया है। इससे गलवान घाटी में आने वाले समय में फिर से स्थिति गरमा सकती है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि सैटलाइट इमेज में यह स्पष्ट है कि चीन ने पेट्रोलिंग पॉइंट 14 में कंस्ट्रक्शन ऐक्टिविटी बढ़ा दी है। चीन ने अपने सैनिकों के रहने के लिए एक तरह से स्थायी ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। यही नहीं पैंगोंग लेक से लेकर दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के बीच 15 जगहों पर चीनी सैनिकों का बड़ी संख्या में जमावड़ा देखा जा रहा है।

दरअसल गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से झड़प के बाद चीन ने लद्दाख सीमा पर तैनाती बढ़ा दी है। इसके साथ ही भारत ने भी सीमा पर अपने जवानों की संख्या में इजाफा कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, ‘चीन ने एलएसी पर अपने जवानों की संख्या को बढ़ाकर 10,000 कर दिया है। कई लोकेशंस पर चीनी सेना की बड़ी तैनाती हुई है। यही नहीं कई स्थानों पर चीन के सैनिक तोपों और आर्टिलरी गन्स के साथ तैनात हैं। इसके अलावा बैकअप में भी बड़ी संख्या में सैनिक रखे गए हैं।’ फिलहाल भारत और चीन की सेनाएं गलवान घाटी, पैंगोंग लेक, डेपसांग और गोगरा पोस्ट पर बड़ी संख्या में तैनात हैं।