दिल्ली में अगले सप्ताह 8 से 10 सितंबर तक होने जा रहे है जी20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के शीर्ष राष्ट्राध्यक्ष जुटेंगे। इसकी जोरदार तैयारी की जा रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस समेत कई देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री और उनके साथ आने वाले राजनयिक और अन्य प्रतिनिधियों के लिए राजधानी दिल्ली को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। इस बीच बताया जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दिल्ली नहीं आना चाहते हैं। वे अपनी जगह अपने देश के प्रधानमंत्री ली कियांग (Li Qiang) को भेज सकते हैं। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए नई दिल्ली आने से मना कर दिया था।

ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग की पीएम मोदी से हुई थी मुलाकात

हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग गये थे और वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात भी हुई थी। ऐन मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस तरह भारत आने से इंकार करने पर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

अंतिम बार 2019 में भारत आए थे चीनी राष्ट्रपति

हालांकि अभी उनके कार्यक्रम में बदलाव की औपचारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन मीडिया सूत्रों के मुताबिक वे नई दिल्ली नहीं आ रहे हैं। इससे पहले शी जिनपिंग 2019 में भारत आए थे। तब वह केरल के मलप्पुरम (Malappuram) गये थे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया था।

चीन के साथ भारत का लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। हाल ही में चीन ने अपना ‘मानक मानचित्र’ के 2023 संस्करण को जारी किया था। इसमें अरुणाचल प्रदेश को अपने देश का हिस्सा बताया गया है। ऐसा करके चीन एक बार फिर सीमा विवाद को बढ़ावा देने और भारत को उकसाने की कोशिश की है।

दरअसल चीन न तो खुद शांति से रहता है और न ही अपने पड़ोसियों को शांति से रहने देता है। इससे वह दुनिया भर में खुद को दबंग होने का दिखावा करता है। एक तरफ वह भारत के सैन्य अधिकारियों के साथ सीमा पर विवाद खत्म करने के नाम पर बातचीत करता है तो दूसरी तरफ इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत करके विवाद को बढ़ाता रहता है।