राम नगरी अयोध्या में शनिवार को हनुमान जयंती और छोटी दिवाली पर दीपोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर शाम सात बजे से आधे घंटे तक सभी घाटों और अन्य स्थानों पर पांच लाख 51 हजार दीप जलाए जा गए।
योगी सरकार ने इस पर 1.33 करोड़ रुपए खर्च किए। इसका खर्च सरकार के खजाने से लिया गया। इससे पहले दीपोत्सव मेले का खर्च पर्यटन विभाग वहन करता था।
योगी सरकार ने दीपोत्सव मेले के ”प्रांतीयकरण” का फैसला किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या के दीपोत्सव मेले को राज्य मेले का दर्जा देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई थी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि दीपावली के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले का खर्च अब जिलाधिकारी के जरिए राज्य सरकार उठाएगी और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराएगी।
बता दें कि मेले के आयोजन पर 132 लाख 70 हजार खर्च होने का अनुमान की जानकारी सरकार की तरफ से पहले ही दे दी गई थी।
बता दें कि लक्ष्मण घाट पर 48 हजार, वैदेही घाट पर 22 हजार , श्रीराम घाट पर 30, हजार, दशरथ घाट पर 39, हजार, भरत घाट पर 17 हजार, शत्रुघ्न घाट पर 17 हजार, उमा-नागेश्वर-मांडवी घाट पर 52 हजार, सुतकीर्ति घाट पर 40 हजार, कैकेई घाट पर 40 हजार, सुमित्रा घाट पर 40 हजार, कौशल्या घाट पर 40 हजार, उर्मिला घाट पर 40 हजार, दीपक जलाये गए।