सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से बातचीत के प्रस्ताव और परिसर में सामान्य स्थिति बहाल करने की अपील के बावजूद टीवी अभिनेता गजेंद्र चौहान की भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को रद्द करने की मांग को लेकर संस्थान के छात्रों की हड़ताल छठे दिन भी जारी है।
इससे पहले एफटीआईआई की संचालन परिषद के अध्यक्ष पद पर चौहान की नियुक्ति को वापस लेने की मांग पर अड़े संस्थान के छात्रों को कल मंत्रालय ने ‘‘सभी प्रासंगिक मुद्दों’’ पर बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था।
एफटीआईआई छात्र संघ (एफएसए) के आधिकारिक ज्ञापन के बाद सरकार के प्रस्ताव के जवाब में अरुण जेटली के नेतृत्व वाले मंत्रालय से ‘‘ठोस प्रस्ताव’’ की मांग करते हुए हड़ताल कर रहे छात्रों ने सरकार के प्रतिनिधियों से तत्काल वार्ता से इंकार कर दिया।
संस्थान के निदेशक डीजे नारायण ने सरकार के पत्र की विषय वस्तु के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि नियुक्ति करना सरकार का ‘‘अधिकार’’ है लेकिन छात्रों ने जो प्रासंगिक मुद्दे उठाये हैं उस पर बातचीत का रास्ता खुला है।
एफएसए से जब एक प्रतिनिधिमंडल को संबंधित मुद्दों पर मंत्रालय से विचार विमर्श करने के लिए दिल्ली भेजे जाने के बारे में पूछा गया तो संघ ने एक बयान में कहा, ‘‘ये जटिल मुद्दे हैं। हमें उनकी गहराई से विवेचना करनी है। इसलिए प्रतिनिधिमंडल और बैठक तथा अन्य बातों पर कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। जैसा पहले कहा गया है, हड़ताल जारी रहेगी।’’
चौहान की नियुक्ति के विरोध में छात्रों ने स्लोगन लिखे और परिसर में प्रदर्शन के तहत एक नुक्कड़ नाटक भी किया। संस्थान को चलाने के लिए चौहान की ‘‘दृष्टि और कद’’ के अभाव को आधार बनाकर यह नाटक किया गया।
संस्थान के निदेशक पद पर चौहान की नियुक्ति के विरोध में कल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और आइसा के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में और सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्रों ने कोलकाता परिसर में प्रदर्शन किया।
प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक ‘‘महाभारत’’ में युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले चौहान ने इससे पहले विभिन्न प्रदर्शनों के पीछे साजिश का दावा किया था।