एफटीआईआई छात्रों ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त करने के बाद आज यहां सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत की लेकिन 110 दिनों से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिहाज से यह बैठक बेनतीजा रही हालांकि दोनों पक्ष पहली अक्तूबर को अगले दौर की बातचीत के लिए सहमत हो गए हैं।

बैठक फिल्म डिवीजन कार्यालय में सुबह 11 बजे शुरू हुई और दोपहर करीब डेढ़ बजे तक चली लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका और छात्र अपनी मुख्य मांगों पर अड़े रहे। उनकी मुख्य मांगों में अभिनेता और भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान की अध्यक्षता वाली संस्थान की संचालन परिषद को भंग किया जाना शामिल है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजय मूर्ति सहित अन्य अधिकारियों ने बातचीत में भाग लिया। एफटीआईआई स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एफएसए) के प्रवक्ता विकास उर्स ने बताया कि ढाई घंटे तक बैठक होने के बावजूद हम किसी सहमति पर नहीं पहुंच सके और हमने अपनी मुख्य मांग गजेंद्र चौहान की अध्यक्षता वाली मौजूदा संचालन परिषद को हटाए जाने पर जोर दिया। बैठक में मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तरीय तीन अधिकारी और सात छात्र शामिल हुए।

बातचीत के लिए आमंत्रित किए गए छात्रों में से एक उर्स ने कहा कि हम लंबे समय से लंबित अपनी मांग पर कायम रहे कि एफटीआईआई की मौजूदा संचालन परिषद को भंग किया जाए और इसके साथ ही अध्यक्ष, सदस्य और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए पारदर्शी तरीके से एक नयी ‘‘सर्च’’ कमेटी का गठन किया जाए।

उर्स ने कहा कि अभी हमारा अपने संकल्प के अनुसार आंदोलन जारी रहेगा और हमें काफी उम्मीद है कि गुरूवार को होने वाली बैठक से सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।

एफटीआईआई के ही एक अन्य छात्र मलयज अवस्थी ने कहा, ‘‘हम गतिरोध को दूर करने के लिए अस्थायी व्यवस्था नहीं चाहते, इसके बदले हम सरकार से स्थायी संकल्प चाहते हैं जिससे संस्थान की प्रतिष्ठा वापस लौट सके।’’

छात्रों ने पहले ही यह मांग की है कि एफटीआईआई को आईआईटी और आईआईएम की तरह उत्कृष्ट राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया जाए।

प्रदर्शनकारी छात्र चौहान की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के अलावा चार सदस्यों को संचालन परिषद का सदस्य नियुक्त किए जाने का भी विरोध कर रहे हैं। एफटीआईआई के एक पूर्व छात्र ने कहा, ‘‘गजेंद्र चौहान और अन्य सदस्यों से हमलोगों की कोई निजी दुश्मनी नहीं है। हम ऐसा व्यक्ति चाहते हैं जिनका काम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला हो।’’

अगस्त में एफटीआईआई निदेशक प्रशांत पथराबे का घेराव करने के कारण छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने छात्रों के साथ बातचीत के लिए भारत के रजिस्ट्रार आॅफ न्यूजपेपर एस एम खान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति बनायी थी।

छात्रों, उनके अभिभावकों, पूर्व छात्रों के एसोसिएशन के साथ ही फिल्म बिरादरी की तरफ से गतिरोध खत्म करने के लिए दबाव के बाद यह कदम उठाया गया था।