सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन विश्व बैंक के आंकड़ों पर भरोसा करें तो भारत को पिछले तीन साल में पाकिस्तान से करीब 14.36 अरब डॉलर यानि लगभग 96 अरब रुपये का मनीआर्डर (रेमिटेंस) मिला है। दिलचस्प यह है कि विश्व बैंक ने स्वयं कहा है कि यह वास्तविक आधिकारिक आंकड़ा नहीं है सिर्फ अनुमान पर आधारित है। विश्व बैंक की आव्रजन और रेमिटेंस तथ्यपुस्तिका 2016 के मुताबिक, ‘भारत 2015 में सबसे अधिक मनीआर्डर प्राप्त करने वाला देश रहा। 2015 में भारत में 72 अरब डॉलर का रेमिटेंस आने का अनुमान है जिसके बाद चीन (64 अरब डॉलर) और फिलिपीन (30 अरब डॉलर) का स्थान रहा।’
विश्व बैंक ने कहा कि पाकिस्तान में रहने वालों लोगों ने 2015 में भारत को 4.9 अरब डालर भेजे। द्विपक्षीय मनीआर्डर परिस्थितियों के कारण 2014 में पाकिस्तान से भारत में 4.79 अरब डॉलर आए और 2013 में 4.67 अरब डॉलर की राशि आई। प्रत्यक्ष मनीऑर्डर पर प्रतिबंध के मद्देनजर यह आंकड़ा काफी अधिक है और पाकिस्तान में ऐसे प्रवासी भारतीयों की संख्या बहुत अधिक नहीं है जो घर धन भेजें।
विश्व बैंक के आव्रजन और रेमिटेंस विभाग के प्रबंधक दिलीप रथ ने कहा, ‘पाकिस्तान से भारत को आने वाले मनीऑर्डर का यह वास्तविक आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। यह विश्व भर में द्विपक्षीय मनीऑर्डर आकलन के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है। यह तार्किक आकलन के आधार पर अनुमान भर है।’