गुरुवार (15 जून) गुजरात हाईकोर्ट में धोखाधड़ी के एक मामले में चार शिकायतकर्ताओं ने फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की प्रयास किया। बताया जा रहा है कि वे मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी से पहले ही जमानत याचिकाओं पर अदालत द्वारा विचार किए जाने से नाराज थे। एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया और चारों की हालत स्थिर है।
शैलेश पांचाल (52), उनकी पत्नी जयश्रीबेन (50), हार्दिक पटेल (24) और मनोज वैष्णव (41) ने फिनाइल पीकर जान देने का प्रयास किया। सोला पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जिग्नेश अग्रावत ने कहा कि चारों का इलाज जारी है।
कोर्ट से क्यों थे नाराज़?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अदालत की कार्यवाही से परेशान थे। उनका कहना था कि उनके साथ धोखाधड़ी करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाए जबकि अदालत इस मामले की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह सुनवाई कलर मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक और दो अन्य की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर हो रही थी। जिनके खिलाफ कथित रूप से लोन की रकम को गबन करने की शिकायत दर्ज की गयी थी।
इस घटना से अदालत कक्ष में खलबली मच गई और न्यायमूर्ति देसाई अदालत से चले गए। इंस्पेक्टर अग्रवत ने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी फ़िनाइल पीने वाले चारों लोगों को सरकारी अस्पताल ले गए।
लोन हड़प गए
शैलेश पांचाल (52 उनकी पत्नी और अन्य दो ने ऋण सलाहकार चिंतन शाह, महाप्रबंधक किन्नरभाई और प्रबंधक अतुल शाह के खिलाफ अहमदाबाद के आनंदनगर पुलिस थाने में जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की शिकायत दर्ज कराई थी।
चारों ने लोन के लिए बैंक से संपर्क किया था, जिसे नियमों के मुताबिक मंजूर किया गया था, लेकिन शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर दस्तावेजों को जाली बनाकर रकम निकाल ली और उनके साथ धोखा किया।
सकते में आ गए जज साहब
जिस वक़्त शैलेश पांचाल (52), उनकी पत्नी जयश्रीबेन (50), हार्दिक पटेल (24) और मनोज वैष्णव (41) ने फिनाइल पिया अदालत की कार्यवाही चल रही थी। वकीलों और मौजूद लोगों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन वह फिनाइल पी चुके थे। यह सब देखकर न्यायमूर्ति देसाई सकते में आ गए और कार्यवाही को बीच में ही छोड़कर चले गए।