बाबा रामदेव ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले हुमायूं कबीर को गद्दार बताया है। रामदेव ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘भारत बाबर का देश नहीं है, भारत छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, चंद्रशेखर, राजगुरु, सुखदेव भगत सिंह, राम-कृष्ण, शिव का, सनातन का देश है।’

रामदेव ने आगे कहा, ‘बाबर एक विदेशी आक्रांता और बर्बर और लुटेरा था इसलिए उसके नाम को महिमा मंडित करने वाले लोग मुझे लगता है कि ऐसे लोग भारत के साथ गद्दारी कर रहे हैं और ऐसे लोग कभी भी अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे।’

रामदेव ने कहा, ‘हम इस्लाम, मुसलमान का विरोध नहीं करते लेकिन बाबर ना तो इस्लाम को फॉलो करता था और ना ही वह मुसलमान था। वह विशुद्ध रूप से आक्रांता और क्रूर शासक था और उसका महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए।’

बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं हुमायूं कबीर

6 दिसंबर गुलामियों की निशानी को मिटाने का दिन

रामदेव ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘6 दिसंबर गुलामियों की निशानी को मिटाने का दिन है और गुलामी की निशानियां कहीं पर भी हों मिटनी चाहिए, चाहे वह हमारे तीर्थ स्थलों के रूप में हो या किसी नाम के रूप में हों।’ रामदेव ने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि भारत के लोग अब जागरुक हो चुके हैं और किसी विदेशी क्रूर आक्रांता को महिमामंडित नहीं होने देंगे।

मुस्लिम समुदाय के लोग जुटे

हुमायूं कबीर के द्वारा मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जुटे। कई लोग ऐसे थे जो अपने साथ ईंट लेकर भी आए थे। हुमायूं कबीर का कहना है कि अगले 3 साल में बाबरी मस्जिद बनकर तैयार हो जाएगी।

हुमायूं कबीर के बयानों पर विवाद बढ़ने के बाद टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

‘जब तक दुनिया रहेगी तब तक बाबरी मस्जिद की शहादत का जिक्र करते रहेंगे…’