पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जुलाई में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पांच महीने बाद भी जगदीप धनखड़ को अभी तक सरकारी आवास नहीं मिला है। उनके करीबी लोगों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस साल संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को ही उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।

अभय चौटाला के फार्महाउस में रहते हैं धनखड़

सितंबर में जगदीप धनखड़ ने अपने आधिकारिक आवास ‘उपराष्ट्रपति एन्क्लेव’ को खाली कर दिया था और दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में एक निजी फार्महाउस में चले गए थे। छतरपुर के गदईपुर क्षेत्र में स्थित फार्महाउस इनेलो नेता अभय चौटाला का है। धनखड़ ने 22 अगस्त को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर पूर्व उपराष्ट्रपतियों को प्राप्त होने वाले आधिकारिक आवास का अनुरोध किया था।

जगदीप धनखड़ के एक करीबी व्यक्ति ने कहा, “लेकिन अभी तक उन्हें वह आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है , जिसके वह हकदार हैं।” पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते जगदीप धनखड़ लगभग दो लाख रुपये प्रति माह की पेंशन, टाइप-8 बंगला, एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक चिकित्सक, एक नर्सिंग अधिकारी और चार निजी परिचारकों के हकदार हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति के निधन के बाद उनका जीवनसाथी इससे थोड़े छोटे आवास टाइप-7 का हकदार होता है।

उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद जगदीप धनखड़ को मिलेगी कितनी पेंशन?

नवंबर में धनखड़ ने पद छोड़ने के बाद दिया था सार्वजनिक भाषण

बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नवंबर में पद छोड़ने के बाद अपना पहला सार्वजनिक भाषण दिया था। भोपाल में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने व्यक्तिगत बाधाओं के बावजूद भी अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने के महत्व पर प्रकाश डाला और अपने हालिया अतीत का हवाला दिया।

आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य की पुस्तक हम और ये विश्व के विमोचन के अवसर पर धनखड़ ने कहा था, “आज के समय में लोग नैतिकता और आध्यात्मिकता से दूर होते जा रहे हैं। पुस्तक पढ़ने के पश्चात मैसेज आ गया कि समय सीमा है। मैं फ्लाइट पकड़ने की चिंता से अपने कर्तव्य को नहीं छोड़ सकता और दोस्तों मेरा हालिया अतीत इसका प्रमाण है।” यह सुनकर लोग फिर ठहाके लगाने लगे। धनखड़ ने कहा कि जो सो रहे हैं उन्हें जगाया जा सकता है और जो जागकर सो रहे हैं उन्हें बिल्कुल नहीं जगाया जा सकता। पढ़ें सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने पर जगदीप धनखड़ का पहला रिएक्शन