Beni Prasad verma passes away: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले बेनी प्रसाद वर्मा नहीं रहे। शुक्रवार को लखनऊ में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से अस्वस्थ्य चल रहे थे। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री थे। यूपीए 2 सरकार में बेनी प्रसाद वर्मा केन्द्रीय इस्पात मंत्री बने थे। वह करीब 80 साल के थे। कुर्मी समाज में उनकी गहरी पैठ थी। बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के बाद सियासी गलियारे से लेकर उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई।
समाजवादी पार्टी की ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उनके प्रति संवेदना जाहिर की गई है। ट्वीट में लिखा है, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आदरणीय बेनी प्रसाद वर्मा जी एवं हम सबके प्रिय ‘बाबू जी’ जी का निधन अपूरणीय क्षति है। शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना! शत-शत नमन एवं अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।
वर्मा के पुत्र पूर्व विधायक राकेश वर्मा ने बताया कि उनके पिता पिछले कुछ समय से बीमार थे। आज अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां शाम करीब सात बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।बाराबंकी जिले के सिरौली गौसपुर के मूल निवासी रहे वर्मा के परिवार में पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियां हैं। वर्तमान में वह सपा के राज्यसभा सदस्य थे।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद खास सहयोगी रहे वर्मा 1996 से 1998 तक केन्द्र की एच डी देवगौड़ा सरकार में संचार मंत्री और 2011 से 2014 तक कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में इस्पात मंत्री भी रहे। इसके अलावा वह प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री भी रह चुके थे। इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वर्मा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनके परिजन के प्रति सांत्वना व्यक्त की है।
बता दें कि पहली बार 1992 में उत्तरप्रदेश के कैसरगंज से लोकसभा का चुनाव जीतकर बेनी प्रसाद वर्मा कैबिनेट मंत्री बने थे। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और फिर सियासत की दुनिया में आ। वह लंबे समय तक उत्तरप्रदेश राज्य में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट मंत्री भी रहे।
