Former Trainee IAS Puja Khedkar: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए धोखाधड़ी करने की आरोपी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी दिल्ली पुलिस को अपनी जांच का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। इसने पुलिस को यह भी पता लगाने का निर्देश दिया कि क्या यूपीएससी के किसी अंदरूनी शख्स ने इस मामले में उसकी मदद की है।

यूपीएससी की तरफ से पेश वकील नरेश कौशिक ने कहा कि उन्होंने अवैध तरीके से नौकरी हासिल की। ​​यह न केवल यूपीएससी बल्कि पूरे समाज के खिलाफ अपराध होगा। खेडकर ने कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अग्रिम जमानत चाहती हैं। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि एक अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

पूजा खेडकर ने कोर्ट में क्या कहा?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, खेडकर की तरफ से पेश वकील बीना महादेवन ने कहा कि मैंने (खेडकर ने) यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है और इसीलिए मेरे खिलाफ यह सब किया जा रहा है। यह सब कलेक्टर के इशारे पर हो रहा है, जिनके खिलाफ मैंने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। उस शख्स ने मुझे एक निजी कमरे में आकर बैठने को कहा। मैंने कहा कि मैं एक योग्य आईएएस हूं और मैं ऐसा नहीं करूंगी। मैं अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए अग्रिम जमानत की मांग कर रही हूं।

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खेडकर के वकील ने कहा कि आईएएस अकादमी मसूरी ने मुझे (खेडकर को) बुलाया है, पुणे कमिश्नर ने भी मुझे बुलाया है। डीओपीटी ने भी मुझे नोटिस दिया है। मुझे इन सभी मंचों पर अपना बचाव करने के लिए अग्रिम जमानत की जरूरत है।

पुलिस हिरासत में पूछताछ की जरूरत

यूपीएससी की तरफ से पेश हुए वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि खेडकर ने खामियों का फायदा उठाया और अपना नाम बदल लिया। सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि हम अभी बहुत शुरुआती चरण में हैं। हमें उससे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। उन्होंने तर्क दिया कि अगर उन्हें अग्रिम जमानत मिल जाती है तो वह सहयोग नहीं करेगी।

श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने अपने पिता और मां का नाम बदल लिया। कैसे? आम जनता को धोखा देने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने उन लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जो इसके सिवा पास हो सकते थे। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को धोखा देने वाले इस तरह के लोगों से बहुत गंभीरता से निपटा जाना चाहिए। इस शख्स ने कानून का गलत इस्तेमाल किया है।